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देवशयनी एकादशी पर जानिए कैसे करें इस विधि से पूजन

Tara Tandi
4 July 2022 6:39 AM GMT
देवशयनी एकादशी पर जानिए कैसे करें इस विधि से पूजन
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हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है. हर महीने में 2 एकादशी पड़ती हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है. हर महीने में 2 एकादशी पड़ती हैं.साल में लगभग 24 एकादशी पड़ती हैं. हर महीने में पहली एकादशी कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में पड़ती है. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन विधि विधान से पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. सारे पापों से मुक्ति मिलती है. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi 2022) को देवशयनी कहा जाता है. इस बार देवशयनी एकादशी तिथि कब पड़ है और इस दिन किस विधि से पूजा की जाती है आइए जानें.

देवशयनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस बार देवशयनी एकादशी तिथि की शुरुआत 09 जुलाई को शाम 04 बजकर 39 मिनट से होगी. इस तिथि का समापन 10 जुलाई को दोपहर 02 बजकर 13 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा. इस व्रत के पारण का समय 11 जुलाई को सुबह 5: 56 से 8:36 मिनट तक है.
देवशयनी एकादशी के दिन इस विधि से करें पूजा
देवशयनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें. इस दिन पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. साफ कपड़े पहनें. व्रत का संकल्प लें. घर और मंदिर की साफ-साफाई करें. चौकी पर एक पीला कपड़ा बिछाएं. इस पर भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें. भगवान को फल, फूल और धूप अर्पित करें. देवशयनी एकादशी की कथा का पाठ करें. भगवान को पंचामृत का भोग लगाएं.
देवशयनी एकादशी व्रत का महत्व
मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. ऐसे माना जाता है कि 4 महीने के लिए सृष्टि का संचालन भगवान शिव जी करते हैं. इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. इस दौरान मुंडन, विवाह, सगाई और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी में कहा जाता है. इस दिन व्रत रखने से सारी जीवन संबंधित परेशानियां दूर हो जाती हैं. इस पावन दिन पर व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. व्यक्ति का मन शुद्ध होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है. व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होता हैं. व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. इस दौरान ब्रज की यात्रा करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इसलिए आप ब्रज की यात्रा भी कर सकते हैं. इस दिन व्रत रखने से सभी दुर्घटनाएं टल जाती हैं.
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