धर्म-अध्यात्म

शनिदेव का किस तरह पूजन करना चाहिए, और किन गलतियों से बचना, जाने

Rounak Dey
1 Jun 2021 7:26 AM GMT
शनिदेव का किस तरह पूजन करना चाहिए, और किन गलतियों से बचना, जाने
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10 जून को गुरुवार के दिन मनाई जाएगी शनि जयंती

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। न्याय के देवता शनिदेव की जयंती 10 जून 2021 गुरुवार को है. हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि अमावस्या या शनि जयंती के तौर मनाया जाता है. माना जाता है कि यदि शनि जयंती के दिन यदि विधि विधान से उनका पूजन किया जाए तो शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शनि दोष, शनि साढे़साती आदि से पीड़ित लोगों के कष्ट दूर होते हैं. जानिए शनि जयंती के दिन शनिदेव का किस तरह पूजन करना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए.

वैसे तो शनिदेव का पूजन किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन छाया पुत्र होने के नाते शाम के समय उनका पूजन करना ज्यादा अच्छा माना जाता है. पूजा के समय शनिदेव को सरसों के तेल का दीपक अर्पित करें और सरसों के तेल के बने मिष्ठान, काले तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, लोहे की कोई वस्तु अर्पित करें और सरसों का तेल चढ़ाएं.
दशरथकृत शनि स्तोत्र पढ़ें
पूजा की सभी चीजें अर्पित करने के बाद दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें या शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चाराय नमः का जाप और शनि चालीसा पढ़ें. पूजन के बाद काले तिल, काली दाल या काले वस्त्र आदि अपनी क्षमतानुसार कोई भी चीज किसी जरूरतमंद को दान करें. ऐसा करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वे शनि महादशा, साढ़ेसाती और अन्य शनि संबन्धी कष्टों से मुक्ति देते हैं.
पूजा के दौरान ये गलती पड़ सकती है भारी
शनिदेव का पूजन करते समय भूलकर भी उनसे अपनी दृष्टि न मिलाएं. सारा पूजन सिर को नीचे झुकाकर करें. माना जाता है कि शनिदेव को उनकी पत्नी से श्राप मिला था, जिसके बाद उनकी दृष्टि वक्र हो चुकी है. ऐसे में आंख मिलाकर उनकी पूजा करने से जीवन में अनिष्ट हो सकते हैं. इसलिए कभी शनिदेव के एक दम सामने खड़े होकर या फिर उनकी आंखों में आंखे डालकर दर्शन या पूजन न करें.
इन उपायों से भी दूर होते हैं कष्ट
1. शनि जयंती के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
2. कुत्ते को सरसों का तेल लगाकर रोटी या सरसों के तेल का परांठा खिलाएं.
3. हनुमान जी का पूजन करें क्योंकि हनुमान बाबा को शनिदेव का परम मित्र माना जाता है. आप शनि जयंती के दिन शनि पूजन के अलावा हनुमान जी के भी समक्ष दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं.
4. शनि जयंती वाले दिन शिवलिंग को काले तिल डालकर जल अर्पित करें.महादेव को शनिदेव अपना गुरू मानते हैं. ऐसे में उनका पूजन करने वाले को शनि नहीं सताते हैं.


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