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जानिए प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में होने वाली परेशानियों से कैसे निपटें

Gulabi
2 March 2021 3:25 PM GMT
जानिए प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में होने वाली परेशानियों से कैसे निपटें
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गर्भावस्था के नौ महीनों को तीन-तीन महीने की तिमाही में बांटा गया है

गर्भावस्था के नौ महीनों को तीन-तीन महीने की तिमाही में बांटा गया है. 13वें हफ्ते से 26वें हफ्ते तक दूसरी तिमाही होती है. दूसरी तिमाही के समय महिला का पेट दिखने लगता है. मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण काफी हद तक नियंत्रित हो चुके होते हैं और भावात्मक रूप से महिला कुछ हद तक स्थिर होती है. लेकिन इस दौरान महिला के शरीर में कई तरह के अन्य बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से उसे तमाम परेशानियां झेलनी पड़ती हैं.


1. शरीर में बढ़े हार्मोन्स की वजह से कई बार मसूढ़े लाल हो जाते हैं. ऐसे में दांतों की रोजाना सफाई करना चाहिए.

2. कई बार इस पीरियड में महिला के ब्रेस्ट से रिसाव की दिक्कत भी सामने आती है. ऐसे में विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए. इसके अलावा कॉटन या पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं.

3. कुछ महिलाओं की नाक बंद हो जाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है. इसके लिए चेहरे पर गुनगुना तौलिया रखें या फिर पानी में नीलगिरि का तेल डालकर भाप लें. नाक की हड्डी की हल्के हाथों से मसाज करें.

4. दूसरी तिमाही में ही बच्चा पेट में घूमना शुरू कर देता है. उसकी हरकत का अहसास होने लगता है. इसका आनंद लें और बच्चे की हर हरकत पर नजर बनाए रखें.

5. वजन बढ़ने की वजह से निचली कमर में दर्द होने लगता है. इसे कम करने के लिए उठने-बैठने की मुद्रा ठीक रखें. सीधी लंबी कुर्सी पर बैंठें. बिना हील के फुटवियर पहनें और बाईं तरफ करवट करके सोएं. भारी सामान उठाने से परहेज करें.

6. वजन बढ़ने की वजह से पैरों में दर्द, सूजन और वेरीकोज वेन्स की समस्या हो जाती है. ऐसे में करवट लेकर टांगों के बीच में तकिया लगाकर सोएं. हल्की सैर करें. क्रॉस लेग पोजिशन में यानी एक के ऊपर एक टांग रखकर न बैठें. जब भी बैठें तो पैरों के नीचे छोटा स्टूल लगा लें.

7. दूसरी तिमाही से ही कई महिलाओं के पैरों में सूजन की समस्या होने लगती है. ऐसे में पैरों को लटका कर न बैठें. जब भी संभव हो पैरों को ऊंचा करके बैठें. रात को सोते समय बाईं तरफ करवट लेकर सोएं. चुस्त कपड़े, मोजे वगैरह न पहनें.


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