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जानिए, इस खास दिन को मनाने की कैसे हुई थी शुरुआत, थीम के बारे में
Shiddhant Shriwas
14 Jun 2021 3:39 AM GMT
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ब्लड डोनर्स के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए और लोगों को इसके प्रति मोटीवेट व जागरूक करने के उद्देश्य से वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने साल 2004 से 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर्स डे के रूप में मनाने का फैसला लिया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्लड डोनर्स के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए और लोगों को इसके प्रति मोटीवेट व जागरूक करने के उद्देश्य से वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने साल 2004 से 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर्स डे के रूप में मनाने का फैसला लिया। इस दिन ब्लड ग्रूप्स के बारे में दुनिया को जानकारी देने वाले मशहूर साइंटिस्ट कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म भी हुआ था।
ब्लड डोनेट डे की शुरुआत
वर्तमान में तमाम ब्लड बैंक्स हैं, जहां से किसी भी जरूरतमंद के लिए ब्लड लिया जा सकता है, लेकिन इसकी शुरुआत 1921 में ब्रिटिश रेड क्रॉस के सदस्यों द्वारा की गई, जिन्होंने पहली बार लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में ब्लड डोनेट किया। सही मायने में ब्लड स्टोर करने की शुरुआत यहीं से हुई। विश्व का पहला ब्लड बैंक 1936 में शिकागो के कुक कंट्री हॉस्पिटल में खोला गया और इसकी अहमियत सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान दुनिया को समझ में आई।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन
ब्लड ट्रांसफ्यूजन का पहला वर्णन साल 1628 में विलियम हार्वे द्वारा प्राप्त होता है। साल 1666 में इंग्लैंड के डॉक्टर रिचर्ड लोवर ने दो जानवरों के बीच पहला सफल ट्रांसफ्यूजन किया। इंसान पर सबसे पहले भेड़ का। खून चढ़ाकर, ब्लड ट्रांसफ्यूजन करने का श्रेय जीन बैप्टिस्ट डेनिस को जाता है, जिन्होंने साल 1667 में इसकी शुरुआत की, लेकिन खराब रिजल्ट्स के चलते, आगे चलकर इस प्रक्रिया को बैन कर दिया गया। आखिर में 1818 में ब्रिटिश ओब्स्टेट्रीशियन ब्लंडेल ने पहली बार एक इंसान का खून दूसरे इंसान में चढ़ाया और यह प्रोसेस परफेक्ट हुआ।
ब्लड ग्रूप की खोज
1901 में कार्ल लैंडस्टीनर ने ह्यूमन ब्लड ग्रूप की खोज की। उन्होंने बताया कि इंसानों में कितने ब्लड ग्रूप होते है और कौन सा ब्लड ग्रूप किसके साथ मैच करता है। उनकी यह खोज मेडिकल साइंस के लिए एक वरदान साबित हुई और न जाने कितनी जिंदगियां इसके कारण बच पाईं और यह सिलसिला आज भी जारी है।
ब्लड डोनर्स डे 2021 की थीम
इस साल का। थीम। है 'गिव ब्लड एंड कीप द वर्ल्ड बीटिंग' यह डब्ल्यूएचओ द्वारा चलाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण अभियानों में से एक है।
ब्लड डोनर्स डे का उद्देश्य
192 देशों में इस दिवस को मनाए जाने का कारण यही है कि लोग रक्तदान का महत्व समझें और भ्रांतियों से बाहर निकलकर। इस मुहिम को सफल बनाएं। हम सबके इस मुहिम को लेकर एकजुट होने से ही हम मानवता के नाम पर भी एक बड़ा सहयोग कर पाएंगे। हमारे ऐसा करने से हम कई जानों को बचाने में अपना सहयोग दे पाएंगे।
Shiddhant Shriwas
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