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जानिए गर्भ में किस तरह मूवमेंट करता है शिशु, कब होता है पहली किक का महसूस..!

Kunti Dhruw
13 Jun 2021 11:42 AM GMT
जानिए गर्भ में किस तरह मूवमेंट करता है शिशु,  कब होता है पहली किक का महसूस..!
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गर्भावस्था के दौरान बच्चे का हिलना-डुलना, हिचकियां लेना,

गर्भावस्था के दौरान बच्चे का हिलना-डुलना, हिचकियां लेना, किक मारना या कोई अन्य मूवमेंट हर मां के लिए एक खूबसूरत अहसास होता है. हालांकि कई बार इसकी वजह से मां को तेज दर्द भी बर्दाश्त करना पड़ जाता है. ज्यादातर महिलाओं को गर्भ में बच्चे की पहली किक दूसरी तिमाही के 17वें से 22वें हफ्ते में महसूस होती है.

शुरुआत में हर किक के बीच काफी वक्त का अंतराल होता है, लेकिन जैसे-जैसे हफ्ते बीतते जाते हैं, उसकी हरकतों का अहसास बढ़ने लगता है. आमतौर पर प्रेगनेंसी के 20वें से 30वें सप्‍ताह के बीच बच्‍चे की किक ज्‍यादा तेज होती है. इस दौरान शिशु की हड्डियां और जोड़ शेप में आना शुरू ही करते हैं. 35वें सप्‍ताह के बाद से किक में कमी आने लगती है.
जानिए और किस तरह के मूवमेंट करता है शिशु
1- गर्भावस्था की शुरुआत में काफी पहले ही आपका बच्चा हिलना-डुलना, शरीर को एक तरफ मोड़ना और चौंकना शुरू कर देता है. लेकिन तब हमें इसका इतना अहसास नहीं होता.
2- जैसे-जैसे शिशु की मांसपेशियां विकसित होती हैं , वो उन्हें मोड़ना और फैलाना शुरू कर देता है.
3- जब बच्चे का सेंट्रल नर्वस सिस्टम बन जाता है, तब वो हिचकी लेना शुरू कर देता है. आमतौर पर ऐसा पहली तिमाही से ही शुरू हो जाता है. लेकिन तब हिचकी बेहद हल्की होने की वजह से इसका पता नहीं चल पाता. आमतौर हिचकी का अहसास महिलाओं को दूसरी तिमाही में होता है. कई बार शिशु की हिचकी भी किक की तरह लगती है.
4- 10वें सप्ताह में गर्भस्थ शिशु अपना सिर हिला सकता है. अपने चेहरे को छूने के लिए हाथ बढ़ा सकता है और अपना जबड़ा खोल सकता है.
5- दूसरी तिमाही में शिशु मां के शरीर से एमिनोटिक एसिड फ्लूड निगलना शुरू कर देता है. जैसे-जैसे शिशु बड़ा होने लगता है वो ज्यादा देर तक सोने लगता है. यही वजह है कि तीसरी तिमाही में उसके मूवमेंट में कमी आने लगती है.
6- 22वें सप्ताह की गर्भावस्था में शिशु गर्भ में पहुंच रही रोशनी की तरफ प्रतिक्रिया देने लगता है और 23वें सप्ताह के करीब वो बाहर की आवाजें और शोर सुनने लगता है. इसके हिसाब से हिलता-डुलता भी है.
7- गर्भावस्था के अंतिम चरण में पहुंचकर शिशु के पास अब हिलने-डुलने के लिए कम जगह होती है. इसलिए उसकी हलचल अब छोटी हो जाती है, लेकिन उसका हिलना आपको महसूस होगा.
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