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पेट में जमा हवा के बाहर निकालने की प्रक्रिया को डकार कहा जाता है.
पेट में जमा हवा के बाहर निकालने की प्रक्रिया को डकार कहा जाता है. ये सामान्य प्रक्रिया है. आमतौर पर वयस्क लोगों में डकार खुद ही आ जाती है. लेकिन नवजात को डकार दिलाना बहुत मुश्किल होता है. शिशु को डकार दिलाना एक मां के लिए इस बात की संतुष्टि है कि बच्चा ठीक से फीड कर रहा है. आइए आपको बताते हैं कि बच्चों को डकार दिलाना क्यों जरूरी है और उन्हें डकार दिलाने का सही तरीका क्या है.
दरअसल जब शिशु स्तनपान करता है या बोतल से दूध पीता है, तो हवा के छोटे-छोटे बुलबुले उसके पेट में फंस सकते हैं. ऐसे में शिशु के लिए स्थिति असहज हो सकती है. बच्चा दूध उगल सकता है, उसके पेट में दर्द हो सकता है, हवा फंसी होने की वजह से भूख की कमी हो सकती है, साथ ही उसमें चिड़चिड़ापन आ सकता है. इसलिए दूध पिलाने के बाद शिशु को डकार जरूरी दिलवानी चाहिए.
ऐसे दिलाएं डकार
सिर को एक हाथ से सहारा देते हुए शिशु को गोद में लेकर कंधे से लगाएं और उसकी पीठ पर हल्के हाथों से थपथपाएं. इससे उसे डकार आ जाएगी. इसके अलावा आप दूसरे तरीके से भी शिशु को डकार दिला सकती हैं. इसके लिए सिर को एक हाथ से सहारा देते हुए शिशु को गोद में सीधा बिठाएं. इससे बच्चे के पेट में फंसी गैस को पेट के ऊपरी हिस्से तक आने में मदद मिलेगी और बच्चा आसानी से डकार ले सकेगा. इस दौरान आप बच्चे की पीठ को सहला भी सकती हैं.
इसके अलावा एक अन्य तरीका है कि कमर से मोड़ते हुए बच्चे को ऐसे लिटाएं कि बच्चे का पेट का हिस्सा आपकी जांघों पर रहे. वहीं, पैरों का हिस्सा जमीन की तरफ लटका हुआ रहे. इस स्थिति में बच्चे के आगे की ओर झुकने की वजह से उसके पेट में फंसी हवा पेट के ऊपरी हिस्से में आ जाएगी. साथ ही पेट पर दबाव के कारण हवा को मुंह से बाहर निकलने में आसानी होगी.
कितनी बार दिलाएं डकार
शिशु को हर बार दूध पिलाने के तुरंत बाद डकार दिलानी चाहिए. ताकि दूध पीने के बाद उसके पेट में हवा फंसने से बच्चे को तकलीफ न झेलनी पड़े.
Gulabi
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