लाइफ स्टाइल

भारत में ब्रेस्ट कैंसर की लास्ट स्टेज में कितने दिन जिंदा रहती हैं महिलाएं, जानिए

Admin Delhi 1
21 Nov 2022 1:14 PM GMT
भारत में ब्रेस्ट कैंसर की लास्ट स्टेज में कितने दिन जिंदा रहती हैं महिलाएं, जानिए
x

दिल्ली: ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। बता दें कि महिलाओं को सबसे ज्यादा स्किन कैंसर होता है। जब ब्रेस्ट कैंसर चौथी यानी आखिरी स्टेज में पहुंच जाता है तो घातक बन जाता है। लास्ट स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर को मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर (metastatic breast cancer) कहा जाता है। जो महिलाओं और पुरुषों को बहुत कम दिन जीने देता है। मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर क्या है? सीडीसी के मुताबिक, ब्रेस्ट कैंसर स्तनों की कोशिकाओं में होने वाला कैंसर है। जब यह कैंसरीकृत कोशिकाएं स्तन से बाहर फेफड़ों, लिम्फ नोड्स जैसे दूसरे अंगों में फैलने लगती हैं, तो मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर कहा जाता है। कांख या स्तन में गांठ होना, ब्रेस्ट में सूजन, दर्द, निप्पल अंदर दबना, आकार में बदलाव जैसी दिक्कतें ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण माने जाते हैं

ब्रेस्ट कैंसर से अछूते नहीं है पुरु: सिर्फ महिलाओं को ही ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है, बल्कि पुरुष भी इसके शिकार हो सकते हैं। सीडीसी बताता है कि यूएस के ब्रेस्ट कैंसर के हर 100 मामलों में से 1 मामला पुरुषों में मिलता है। इसलिए, पुरुष इस घातक बीमारी से एकदम अछूते नहीं हैं।

लास्ट स्टेज से पहले अच्छा है सर्वाइवल रेट: ब्रेस्ट कैंसर चौथी स्टेज में पहुंचने से पहले जिंदा रहने की संभावना काफी ज्यादा होती है। Cancer.net के मुताबिक, अगर कैंसर सिर्फ स्तनों की कोशिकाओं तक ही सीमित रहता है, तो 90 प्रतिशत से ज्यादा मरीज 5 साल के बाद भी जिंदा रहते हैं और 10 साल का सर्वाइवल रेट 84 प्रतिशत है।

चौथी स्टेज में बन जाता है घातक: अगर स्तन कैंसर आखिरी चरण में पहुंच जाता है, तो यह घातक बन जाता है। Cancer.net की दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर का पता लगने के बाद सिर्फ 29 प्रतिशत महिलाएं ही 5 साल तक जिंदा रह पाती हैं।

पुरुषों में ज्यादा कम है सर्वाइवल रेट: ब्रेस्ट कैंसर की लास्ट स्टेज पुरुषों के लिए ज्यादा जानलेवा दिखती है। क्योंकि, स्तन कैंसर के चौथे चरण का पता लगने के बाद सिर्फ 22 प्रतिशत पुरुष ही 5 साल तक जिंदा रह पाते हैं। इसलिए पुरुषों को ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए और दिखते ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

भारत में ज्यादा बुरे हैं हालात: NCBI की रिपोर्ट बताती है कि ब्रेस्ट कैंसर का सर्वाइवल रेट भारत में ज्यादा बुरा है। क्योंकि, अधिकतर मामले काफी देरी से पता लग पाते हैं। वर्ल्ड कैंसर रिपोर्ट 2020 के मुताबिक, ब्रेस्ट कैंसर कंट्रोल करने का सबसे प्रभावी तरीका जल्दी जांच और तेज इलाज करवाना है।

मौजूद है ब्रेस्ट कैंसर का इलाज: सीडीसी के मुताबिक, लास्ट स्टेज से पहले ब्रेस्ट कैंसर के इलाज की संभावना काफी ज्यादा होती है। इसके लिए डॉक्टर ट्यूमर हटाने की सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हॉर्मोन थेरेपी और टारगेटेड थेरेपी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Next Story