लाइफ स्टाइल

जानें कैसे लू का कारण बनती है हीट वेव

Apurva Srivastav
26 May 2024 1:57 AM GMT
जानें कैसे लू का कारण बनती है हीट वेव
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लाइफस्टाइल : दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है। चिलचिलाती धूप और झुलसा देने वाली गर्मी ने सभी हाल बेहाल कर दिया है। वहीं, शनिवार यानी 25 मई से नौतपा की भी शुरुआत हो चुकी है, जिसकी वजह से अब आने वाले नौ दिनों तक लोगों को भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ेगा। गर्मी और लू के थपेड़ों की वजह से कई जगह लोगों की मौतें भी हो रही हैं।
ऐसे में जरूरी है कि इस मौसम में खुद को सुरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे लू से होने वाले नुकसान और कैसे यह मौत का कारण बन सकती है। साथ ही जानेंगे इस दौरान अपनी सेहत का ख्याल कैसे रखें। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने बात की नोएडा के मेट्रो हॉस्पिटल में आंतरिक चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सैबल चक्रवर्ती से बातचीत की।
क्यों घातक है हीट वेव?
डॉक्टर बताते हैं कि लू यानी हीट वेव कई कारणों से घातक हो सकती हैं, जिनमें से मुख्य है शरीर के आंतरिक तापमान को नियंत्रित करने में असमर्थता। लंबे समय तक बहुत ज्यादा तापमान के संपर्क में रहने से गर्मी और लू की वजह से हीट एग्जॉस्शन और हीट स्ट्रोक हो सकता है।
जब शरीर पसीने के जरिए बहुत ज्यादा पानी और नमक बाहर निकाल देता है, तो हीट एग्जॉस्शन शुरू हो जाता है। बहुत ज्यादा पसीना आना, कमजोरी, मतली, भटकाव और मांसपेशियों में ऐंठन इसके कुछ लक्षण हैं। अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाए, तो यह हीट स्ट्रोक में विकसित हो सकता है।
क्या है हीट स्ट्रोक?
हीट स्ट्रोक नामक गंभीर बीमारी तब होती है, जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) या इससे अधिक तक पहुंच जाता है। ऐसा तब होता है, जब तीव्र शारीरिक गतिविधि या लंबे समय तक गर्मी का संपर्क शरीर को पसीने के जरिए ठंडा होने से रोकता है। भ्रम, ऐंठन और बेहोश होना हीट स्ट्रोक के कुछ लक्षण हैं। हालांकि, कई बार यह जानलेवा भी हो सकता है।
कैसे मौत का कारण बनती है लू
लू यानी हीट वेव की वजह से व्यक्ति हीट स्ट्रोक का शिकार हो सकता है। अगर यह दिल, मस्तिष्क, किडनी और मांसपेशियों सहित महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाता है और समय पर डॉक्टर्स से इसका तुरंत इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे मौत भी हो सकती है। हीट वेव दिल और फेफड़ों पर दबाव बढ़ाती हैं, जिससे पहले से मौजूद चिकित्सीय समस्याएं जैसे रेस्पिरेटरी और दिल संबंधी विकार बढ़ जाते हैं।
ऐसे रखें हीट वेव में अपना ख्याल
गर्मियों में दिनों खासतौर पर रोजाना खुद को हाईड्रेट रखें। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी (करीब 2 से 3 लीटर प्रतिदिन) पीते रहें।
धूप में जब भी बाहर जाएं तो अपने सिर को टोपी या स्कार्फ से ढककर रखें
इन दिनों हल्के-फुल्के और ढीले सूती कपड़े पहनें, ताकि इनसे हवा पास होती रहे और शरीर को ठंडक मिलती रहे।
पीक धूप के समय घर-ऑफिस से बाहर न निकलें। कोशिश करें कि सुबह या शाम को ही ट्रेवल करें।
खुले में अपनी कार पार्क न करें, क्योंकि इससे यह काफी गर्म हो जाती है। साथ ही ऐसे में पार्किंग में खड़ी कारों में बच्चों और पेट्स को न छोड़ें।
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