लाइफ स्टाइल

जानिए, कानों के लिए इयरफोन ज्यादा बेहतर या हेडफोन

Manish Sahu
17 Aug 2023 10:53 AM GMT
जानिए, कानों के लिए इयरफोन ज्यादा बेहतर या हेडफोन
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लाइफस्टाइल: लंबे समय तक इयरफोन्स या हेडफोन्स का इस्तेमाल करना कानों के लिए बेहद खतरनाक होता है. ज्यादा वॉल्यूम पर घंटों इयरफोन या हेडफोन लगाने से लोगों के सुनने की क्षमता भी कम हो सकती है. बाजार में कई तरह के इयरफोन्स और हेडफोन्स मिलते हैं, जिन्हें बड़ी तादाद में लोग इस्तेमाल करते हैं. कई लोगों का मानना है कि हेडफोन्स का इस्तेमाल करने से कानों को कम नुकसान होता है, जबकि कुछ लोग इयरफोन्स को कानों के लिए ज्यादा सुरक्षित मानते हैं. अब सवाल उठता है कि क्या वाकई हेडफोन्स या इयरफोन्स का कानों पर अलग-अलग तरह से असर होता है. इनमें से कौन सी चीज कानों की हेल्थ के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती है. इन सभी सवालों के जवाब जान लेते हैं.
इयरफोन और हेडफोन्स को लेकर ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. रचना मेहता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर किया है. इसमें उन्होंने बताया है कि जब कानों के अंदर पहने जाने वाले इयरफोन और कानों पर पहने जाने वाले हेडफोन्स को चुनने की बात आए, तो हेडफोन बेहतर विकल्प होगा. इयरफोन सीधे ईयर कैनाल को प्रभावित करते हैं. जब इयरफोन को कान की नलिका के अंदर डाला जाता है, तो यह कान के मैल को कान के अंदर गहराई तक धकेल सकता है, जिससे कान में रुकावट पैदा हो सकती है. इयरफोन सीधेतौर पर हमारे कान के पर्दे को प्रभावित करता है. ऐसे में तेज आवाज में इयरफोन का इस्तेमाल करने से कानों को काफी नुकसान हो सकता है. इयरफोन कानों को पूरी तरह से बंद कर देते हैं, यह नमी को फंसा लेते हैं, जिससे कान में इंफेक्शन की आशंका भी बढ़ जाती है.
मुंबई के नानावटी मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ईएनटी और स्पाइन सर्जरी यूनिट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अमोल पाटिल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इयरफोन के लगातार और लंबे समय तक इस्तेमाल से नॉइस इंड्यूस्ड हियरिंग लॉस का खतरा बढ़ जाता है. शहरों में शोर का स्तर पहले से ही डब्ल्यूएचओ सीमा से ऊपर होता है, जिसकी वजह से लंबे समय तक इयरफोन का उपयोग करने से सुनने की क्षमता खराब हो सकती है. अगर आप कभी-कभार थोड़े समय के लिए इयरफोन का इस्तेमाल करते हैं तो ठीक है, लेकिन अगर आप मीटिंग, लेक्चर या म्यूजिक के लिए लंबे समय तक इयरफोन का उपयोग करते हैं, तो हेडफोन लगाना बेहतर है.
डॉ. पाटिल का कहना है कि युवाओं के लिए यह सलाह दी जाती है कि वे या तो इयरफोन और हेडफोन के इस्तेमाल को कम करें या अधिकतम 60 प्रतिशत से कम वॉल्यूम में इनका यूज करें. अगर संभव हो तो शोर-रद्द करने वाले विकल्पों का उपयोग करें. अगर आप इन चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो आपको समय-समय पर कानों की जांच करानी चाहिए, ताकि परेशानियों का शुरुआत में ही पता लगाकर इलाज किया जा सके. एक्सपर्ट के मुताबिक लंबे समय तक ज्यादा वॉल्यूम में इयरफोन या हेडफोन दोनों का ही इस्तेमाल कानों को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में सावधानी बेहद जरूरी है.
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