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जानिए किस उम्र में पैरेंट्स को बच्चों के साथ सोना चाहिए, रिसर्च में हुआ खुलासा

Neha Dani
10 May 2022 2:00 AM GMT
जानिए किस उम्र में पैरेंट्स को बच्चों के साथ सोना चाहिए, रिसर्च में हुआ खुलासा
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अपने बिस्तर को साफ-सुथरा रखना भी उन्हें आ जाता है. जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है.

सभी पैरंट्स के मन में अक्सर एक दुविधा होती है कि छोटे बच्चों को अपने पास सुलाना ठीक होता है या अलग बेड पर. आज हम इस संबंध में आपकी दुविधा को दूर करने जा रहे हैं. इस खबर को पढ़कर आप जान पाएंगे कि छोटे बच्चों को किस तरह सुलाना ठीक रहता है.

2 साल से ऊपर के बच्चों को अलग सोना चाहिए
यूएस की मैग्जीन 'साइकोलॉजी टुडे' में प्रकाशित लेख के मुताबिक 2 साल से ऊपर के बच्चों को मां-बाप के बेड पर नहीं सोना चाहिए. ऐसा न करने पर उनके शरीर का ढंग से विकास नहीं हो पाता और वे दब्बू बनकर रह जाते हैं.
कमरे में ही एक्सट्रा बेड लगाकर सुलाएं
रिसर्च में कहा गया है कि बच्चा पैदा होने के बाद 1 साल तक मां को उसे अपने बेड पर सुलाना चाहिए. इसके बाद उसे अपने कमरे में ही छोटा बेड या बिस्तर लगाकर अलग सुलाना चाहिए. जब बच्चों की उम्र 5 साल हो जाए तो उन्हें अलग कमरे में सुलाया जाना चाहिए. यह कमरा आपके पास ही होना चाहिए, जिससे बच्चा रात में डर न जाए और निश्चिंत होकर सो सके.
रात में सोते वक्त है बच्चे का विकास
डॉक्टरों का कहना है कि असल में छोटे बच्चों का 70 प्रतिशत विकास तब होता है, जब वे सो रहे होते हैं. इसलिए बच्चों को रात में खुलकर सोने का मौका दें. ऐसा तभी हो सकता है, जब वे अलग बिस्तर या कमरे में सो रहे हों.
रीढ़ की हड्डी का होता है विकास
बच्चों की रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए उनका बेड पर फैलकर सोना जरूरी होता है. अगर वे अपने मां-बाप के साथ एक ही बिस्तर पर सो रहे होते हैं तो वे न तो मनचाहे तरीके से करवट बदल सकते हैं और न ही खुलकर सो सकते हैं. ऐसे में छोटे बच्चों को अलग सुलाना सही रहता है.
बच्चा बन जाता है आत्मनिर्भर
मेडिकल एक्सपर्टों के मुताबिक बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनका अलग सोना काफी मायने रखता है. ऐसा करने से वे अपने सोने और उठने के समय के बारे में जागरूक रहने लगते हैं. साथ ही अपने बिस्तर को साफ-सुथरा रखना भी उन्हें आ जाता है. जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है.


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