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जानिए भारत के योग गुरु के बारे में, जिनके प्रयासों से योग विदेश तक पहुंचा

Tara Tandi
21 Jun 2022 5:26 AM GMT
जानिए भारत के योग गुरु के बारे में, जिनके प्रयासों से योग विदेश तक पहुंचा
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कोरोना काल में खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए योग का महत्व बढ़ा। घर पर लोग लॉकडाउन के दौरान बंद हो गए थे। खुद को स्वस्थ रखने के लिए उन्होंने जल्दी उठकर योग और व्यायाम करना शुरू किया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना काल में खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए योग का महत्व बढ़ा। घर पर लोग लॉकडाउन के दौरान बंद हो गए थे। खुद को स्वस्थ रखने के लिए उन्होंने जल्दी उठकर योग और व्यायाम करना शुरू किया। इस तरह का रूटीन भारत के बाहर विदेशों में भी अपनाया गया। विदेशों में योग की जरूरत को महसूस किया गया। विदेशों में योग का प्रसार साल 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने से हुआ है। भारत को योग गुरु कहा जाता है। योग भारत की संस्कृति का हिस्सा है, जो विदेशों तक फैला और आज दुनियाभर में एक ट्रेंड की तरह फॉलो किया जा रहा है। 21 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। लेकिन योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने और पहचान दिलाने का काम भारत के योग गुरुओं ने किया। चलिए जानते हैं भारत के योग गुरु के बारे में, जिनके प्रयासों से योग विदेश तक पहुंचा।

भारत के पांच योग गुरु
बी. के. एस. अयंगर
योग गुरु बी के एस अयंगर ने योग को विदेश तक प्रसारित किया। उन्होंने अयंगर योग के नाम से योग स्कूल खोला था, जिसके माध्यम से उन्होंने योग का दुनियाभर में प्रसार-प्रचार किया। उन्होंने विदेशी छात्रों को योग सिखाया। योग के फायदों के प्रति जागरूक किया। अयंगर ने योग पर एक किताब भी लिखी, जिसका नाम 'लाइट ऑन योग' है। बी के एस अयंगर ने ही योग के लिए योगा मैट की आवश्यकता को महसूस किया था और पहली बार योग मैट के तौर पर रबर की मैट का इस्तेमाल अपने विदेशी योग छात्रों के लिए किया।
धीरेंद्र ब्रह्मचारी
योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी इंदिरा गांधी के योग गुरु के तौर पर प्रसिद्ध हैं। भारत में दूरदर्शन के जरिए वे योग का प्रचार प्रसार किया करते थे। दिल्ली के कई स्कूलों में भी योग को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने प्रयास किए और योग आश्रम शुरू किए। धीरेंद्र ब्रह्मचारी का जम्मू में एक आश्रम है। वह योग पर अंग्रेजी और हिंदी में कई किताबें लिख चुके हैं।
तिरुमलाई कृष्णमचार्य
तिरुमलाई कृष्णमचार्य को हठयोग और विन्यास को पुनर्जीवित करने का श्रेय जाता है। योग गुरु तिरुमलाई कृष्णमचार्य आधुनिक योग के पिता हैं। उन्हें आयुर्वेद की भी जानकारी थी और जो लोग उनके पास इलाज के लिए आते, उनका वह आयुर्वेद के साथ योग के माध्यम से इलाज किया करते थे।
परमहंस योगानंद
भारत के योग गुरु परमहंस योगानंद को योग का सबसे पहला और मुख्य गुरु माना जाता है। परमहंस योगानंद ने पश्चिम के लोगों को मेडिटेशन और क्रिया योग के बारे में जागरूक किया। उन्होंने अपना अधिकतर समय अमेरिका में गुजारा और योग का विदेश में प्रचार किया। परमहंस योगानंद ने अपनी किताब 'ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी' के जरिए भी योग को प्रचारित प्रसारित किया।
कृष्ण पट्टाभि जोइस
योग गुरुओं की लिस्ट में एक बड़ा और मशहूर नाम कृष्ण पट्टाभि जोइस का भी आता है। इन्होंने अष्टांग विन्यास योग शैली को विकसित किया था। योग गुरु कृष्ण पट्टाभि जोइस के फॉलोअर्स में स्टिंग, मडोना और ग्वेनेथ पाल्ट्रो जैसे कई मशहूर लोग शामिल हैं।
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