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जानिए मध्य प्रदेश में स्थित प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में...

Tara Tandi
27 March 2022 3:28 AM GMT
जानिए  मध्य प्रदेश में स्थित प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में...
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जानिए मध्य प्रदेश में स्थित प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में... 

नवरात्रि की शुरुआत 2 अप्रैल से हो रही है जिसका समापन 11 अप्रैल को होगा। इस दौरान लोग 9 दिनों तक नवदुर्गा के स्वरूपों की पूजा करते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नवरात्रि की शुरुआत 2 अप्रैल से हो रही है जिसका समापन 11 अप्रैल को होगा। इस दौरान लोग 9 दिनों तक नवदुर्गा के स्वरूपों की पूजा करते हैं। भक्त नवरात्रि में उपवास रखते हैं। लोग घरों में कलश स्थापना कर दुर्गा चालीसा और सप्तशती का पाठ करते हैं। वहीं भक्त देवी के दर्शन के लिए देशभर में स्थित कई प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में जाते हैं। देश में कई सारे देवी मंदिर और माता के 52 शक्तिपीठ हैं। कई मंदिरों और शक्तिपीठों को लेकर मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से ही सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। लोगों को मानना है कि यहां माता का वास है और वह भक्तों के दुखों का निवारण करती हैं। इसी तरह के किसी पवित्र और चमत्कारी मंदिर के आप भी दर्शन करने की इच्छा रखते हैं तो मध्य प्रदेश जा सकते हैं। मध्य प्रदेश में कई देवी मंदिर हैं, जो अपनी पवित्रता और मान्यताओं के कारण प्रसिद्ध हैं। चलिए जानते हैं मध्य प्रदेश में स्थित प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में, जहां इस नवरात्रि आप कर दर्शन के लिए जा सकते हैं।

मां चामुंडा और तुलजा भवानी मंदिर, देवास
मध्य प्रदेश के देवास में मां चामुंडा-तुलजा भवानी देवी मंदिर स्थित है। यह 52 शक्तिपीठों में से एक है। अन्य शक्तिपीठों पर माता सती के अंग और आभूषण गिरे थे लेकिन यहां माता सती का रक्त गिरा था। यह मंदिर क्षिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले मां चामुंडा और तुलजा भवानी के दर्शन के लिए आते हैं।
कवलका माता मंदिर, रतलाम
मध्य प्रदेश के रतलाम में कवलका माता मंदिर स्थित है। इस मंदिर का इतिहास लगभग 300 साल पुराना है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां स्थित माता कवलका, मां काली और काल भैरव बाबा की मूर्तियां मदिरापान करती हैं। इस कारण लोग मां को प्रसन्न करने के लिए मंदिर में मदिरा का भोग लगाते हैं।
माता पीतांबरा पीठ, दतिया
मध्य प्रदेश और यूपी बॉर्डर पर स्थित दतिया शहर में माता पीतांबरा का मंदिर है। इसे तपस्थली भी कहा जाता है। पीतांबरा पीठ को बगलामुखी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को 1920 में श्री स्वामी जी ने स्थापित किया गया था।
मांढरे की माता मंदिर, ग्वालियर
ग्वालियर में मांढरे की माता का मंदिर है। यह मंदिर कंपू क्षेत्र के कैंसर पहाड़ी पर बना है। मंदिर में महिषासुर मर्दिनी मां महाकाली की अष्टभुजा प्रतिमा है। जिनके दर्शन के लिए दूर दराज से लोग पहुंचते हैं।
बिजासन देवी मंदिर
इंदौर में बिजासन माता मंदिर है, जहां पर 9 दैवीय प्रतिमाएं विराजमान है। तंत्र मंत्र के लिए प्रसिद्ध इस चमत्कारी मंदिर को सिद्ध पीठ माना जाता है।
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