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जानिए ओमिक्रॉन से होने वाले खतरे और बचावों के बारे में....

Tara Tandi
4 July 2022 9:54 AM GMT
जानिए ओमिक्रॉन से होने वाले खतरे और बचावों के बारे में....
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देश में कोरोना का संक्रमण लगातार जारी है। पिछले दिन की तुलना में बीते 24 घंटे में एक बार फिर से दर्ज किए गए दैनिक मामलों में उछाल देखा गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में कोरोना का संक्रमण लगातार जारी है। पिछले दिन की तुलना में बीते 24 घंटे में एक बार फिर से दर्ज किए गए दैनिक मामलों में उछाल देखा गया है। जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 16,135 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है। आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि वर्तमान में, भारत में 1.12 लाख के करीब सक्रिय कोरोनावायरस के मामले हैं। विशेषज्ञ, देशभर में बढ़ते संक्रमण के मामलों के लिए कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट्स को प्रमुख कारण के तौर पर देख रहे हैं।

इस बीच हालिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ओमिक्रॉन का सबसे संक्रामक माना जा रहा BA.5 वैरिएंट तेजी से बढ़ रहा है। अब तक इससे संक्रमित 15 से अधिक लोगों की पुष्टि हो चुकी है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट्स को लेकर किए गए अध्ययनों में वैज्ञानिक BA.4 और BA.5 वैरिएंट को अति संक्रामकता दर वाला बताते हैं। हाल के महीनों में संयुक्त राज्य अमेरिका में तेजी से बढ़े संक्रमण के लिए इन्हीं दोनों वैरिएंट्स को प्रमुख कारण माना जा रहा था। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली दोनों राज्यों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं साथ ही इन दोनों ही राज्यों में BA.5 वैरिएंट से संक्रमण की पुष्टि की गई है। आइए इससे होने वाले खतरे और बचावों के बारे में जानते हैं।
BA.4 और BA.5 वैरिएंट का खतरा
कोरोना के नए वैरिएंट्स और उनके कारण होने वाले खतरों को लेकर अध्ययन कर रही शोधकर्ताओं की टीम का कहना है कि BA.4 और BA.5 वैरिएंट, ओमिक्रॉन के अति संक्रामक रूपों में से एक हैं। अध्ययन में जिक्र मिलता है कि इन दोनों वैरिएंट्स के स्पाइक प्रोटीन में L452R और F486V नामक म्यूटेशन देखे गए हैं। ये म्यूटेशन इन वैरिएंट्स को इंसानी शरीर में वैक्सीनेशन से बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी चकमा देकर संक्रमण का कारण बनने के योग्य बनाते हैं।
इस खतरे को देखते हुए जिन लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है, उन्हें भी लगातार बचाव के उपाय करते रहने की अपील की जा रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि वैक्सीन, इन वैरिएंट्स से संक्रमण की स्थिति में गंभीर रोग और मृत्यु के खतरे को कम करने में प्रभावी पाई गई हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि सभी लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय करते रहने चाहिए। आपकी छोटी सी गलती वायरस को घर में प्रवेश दे सकती है। ऐसे में इन तीन बातों का सभी लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए।
जूते-चप्पलों को घर से बाहर ही निकालें
बाहर से वायरस घर में प्रवेश न करने पाए इसके लिए जूते-चप्पलों को घर से बाहर निकालने की आदत बनाएं। विशेषज्ञों का कहना है कि सतह पर मौजूद वायरस जूते-चप्पलों और कपड़े के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक प्रसारित हो सकते हैं। यह पूरे परिवार में संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है। बाहर से आने के बाद कपड़ों को अलग रखें और उन्हें साफ करने के बाद ही दोबारा इस्तेमाल में लाएं। इन सावधानियों का ध्यान रखते हुए आप कोरोना के संचरण को रोक सकते हैं। बच्चों में इसकी आदत बनाएं।
कमरे का वेंटिलेशन जरूरी
अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोनावायरस के कई वैरिएंट्स कुछ समय तक हवा में भी मौजूद रह सकते हैं, ऐसे में इनके संपर्क में आने के कारण संक्रमण का खतरा हो सकता है। कोरोना वायरस के संक्रमण का जोखिम उन जगहों पर अधिक होता है जहां उचित वेंटिलेशन नहीं है। इनडोर संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए कमरों को हवादार रखने का प्रयास करें ताकि घरों और कार्यालय जैसे क्षेत्रों में वायरस के प्रसार को कम किया जा सके।
टीकाकरण न कराना बढ़ा सकती है दिक्कतें
जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है वह बाहर से वायरस घर में लाकर, अन्य लोगों के लिए भी मुसीबतों को बढ़ा सकते हैं। टीकाकरण संक्रमण की स्थिति में गंभीर रोग के जोखिम से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। सेनेटाइजेशन और हाथों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना सभी लोगों के लिए आवश्यक है। कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करके आप स्वयं को और परिवार के लोगों को इस गंभीर खतरे से बचा सकते हैं।
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