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अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है जिसके गुणों से सभी वाक़िफ हैं। आयुर्वेद में इसे बेहद अहम औषधियों में से एक माना जाता है। सदियों से लोगों ने अश्वगंधा की जड़ों और नारंगी-लाल फल का इस्तेमाल कई तरह के चिकित्सीय कारणों से किया है।
'अश्वगंधा' संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ है "घोड़ा और सुगंध,", जो जड़ी बूटी की सुगंध और इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली शक्ति की ओर इशारा करता है।
ये पौधा न सिर्फ हमारे शरीर की बीमारियों को ठीक करने की ताक़त रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। तो आइए जानें अश्वगंधा से होने वाले कुछ फायदों के बारे में।
फोकस और याददाश्त में सुधार करता है
अश्वगंधा अनुभूति, स्मृति और मोटर प्रतिक्रियाओं में सुधार करने की क्षमता रखता है। छोटे अध्ययनों ने संकेत दिया है कि एक प्लासीबो की तुलना में अश्वगंधा संज्ञानात्मक और साइकोमोटर कार्यों के दौरान प्रतिक्रिया गति में काफी सुधार करता है।
दिल की सेहत बनाए रखने में मददगार
कुछ शोध से पता चलता है कि अश्वगंधा VO2 अधिकतम स्तर को बढ़ा सकता है, जो ऑक्सीजन का उच्चतम स्तर है जिसे आप शारीरिक रूप से थके होने के समय ले सकते हैं।
इन मूल्यों का उपयोग कार्डियोस्पिरेटरी सहनशक्ति का आकलन करने के लिए किया जाता है, या शारीरिक परिश्रम के दौरान दिल और फेफड़े मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कितनी अच्छी तरह से करते हैं।
फैट और ब्लड शगर के स्तर को कम करता है
अश्वगंधा में इंसुलिन स्राव को बढ़ावा देने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने की क्षमता होती है। जिससे ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
मानसिक तनाव में राहत
अश्वगंधा यक़ीनन अपने तनाव से राहत देने वाले प्रभावों के लिए सबसे ज़्यादा पहचानी जाती है। कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि अश्वगंधा के सेवन से लोगों में तनाव और चिंता का स्तर काफी कम हो जाता है।
फाइटोमेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन में अश्वगंधा के अवसादरोधी प्रभाव की जांच की गई।
न्यूज़ सोर्स: navyugsandesh
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