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इस वर्ष गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को मनाई जाएगी. देशभर में 10 दिनों तक गणेशोत्सव की धूम रहेगी. सिद्धि विनायक की इन 10 दिनों में विशेष आराधना की जाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को मनाई जाएगी. देशभर में 10 दिनों तक गणेशोत्सव की धूम रहेगी. सिद्धि विनायक की इन 10 दिनों में विशेष आराधना की जाती है. उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनके अतिप्रिय मोदक का भोग लगाया जाता है. पारंपरिक मोदक के अलावा कई तरह से मोदक तैयार किये जाते हैं. पौराणिक मान्यता है कि प्रथम आराध्य भगवान गणेश को मोदक अतिप्रिय हैं. मोदक कई तरह से बनाएं जाते हैं. आइए जानते हैं मोदक की 5 वैराइटीज़ के बारे में ...
काजू मोदक (Kaju Modak) - गणपति बप्पा को भोग लगाने के लिए काजू मोदक बनाना चाहते हैं तो इसके लिए काजू, चीनी, इलायची पाउडर, घी का इस्तेमाल किया जाता है. इन सभी सामग्रियों से तैयार स्टफिंग को मोदक के सांचे की मदद से जमाकर काजू मोदक तैयार किए जाते हैं.
पान मोदक (Paan Modak) - सिद्धि विनायक के प्रसाद के लिए अगर पान मोदक बनाना है तो इसके लिए पान के पत्ते, नारियल बूरा, चीनी, दूध, ड्राई फ्रूट्स, गुलकंद आदि का इस्तेमाल किया जाता है. पान का प्रयोग करते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पान का पत्ता कड़वा न हो.
साबूदाना मोदक (Sabudana Modak) - व्रत के लिए प्रयोग होने वाले साबूदाने का इस्तेमाल मोदक बनाने के लिए भी किया जा सकता है. साबूदाना मोदक बनाने के लिए साबूदाना के अलावा देसी घी, चीनी और इलायची पाउडर का उपयोग किया जाता है.
बीटरूट मोदक (Beetroot Modak) - एकदंत भगवान गणेश को भोग लगाने के लिए बीटरूट यानी चुकंदर से मोदक बनाया जा सकता है. इसे बनाने के लिए कददूकस चुकंदर के अलावा रबड़ी, मिल्क पाउडर, नारियल बूरा, ड्राई फ्रूट्स, चीनी, इलायची पाउडर, देसी घी का उपयोग किया जाता है.
केसर मोदक (Kesar Modak) - गणेश चतुर्थी पर प्रथम आराध्य को भोग लगाने के लिए केसर मोदक बनाना चाहते हैं तो इसके लिए चावल के आटे के साथ ही केसर पानी, नारियल, गुड़, खसखस और जायफल पाउडर का यूज किया जाता है.
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