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14 साल की एथलीट अनाहत सिंह के बारे में जानें

Admin4
17 Aug 2022 9:28 AM GMT
14 साल की एथलीट अनाहत सिंह के बारे में जानें
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

अनाहत ने महज 6 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। बचपन से ही खेल में रूचि रखने वाली अनाहत ने बाद में स्क्वैश खेलना शुरू किया तो उनका इस खेल के प्रति लगाव बढ़ता गया।

Anahat Singh: काॅमनवेल्थ खेलों में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन सराहनीय रहा। भारत के खाते में कई मेडल आए। 22 गोल्ड मेडल के साथ भारत चौथे नंबर पर रहा। इसके साथ ही भारत के खिलाड़ियों ने 32 सिल्वर और 34 कांस्य पदक हासिल किए। भारतीय महिला खिलाड़ियों ने जोरदार प्रदर्शन करके दिखाया। मीरा बाई चानू, पीवी सिंधू, निखत जरीन, अंशू मलिक और साक्षी मलिक समेत कई महिला एथलीट ने भारत का नाम रोशन किया। काॅमनवेल्थ खेल 2022 में शामिल होने वाले एथलीट में एक नाम बहुत चर्चा में रहा। भले ही वह काॅमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए कोई पदक नहीं ला पाईं लेकिन उन्होंने लोगों का सम्मान जरूर हासिल किया। यहां बात हो रही है काॅमनवेल्थ गेम्स में भारत की ओर से शामिल हुईं सबसे कम उम्र की प्रतिभागी अनाहत सिंह की। अनाहत महत 14 साल ही हैं और 9वीं कक्षा की छात्रा हैं। भारत की 14 साल की एथलीट का बर्मिंघम में आयोजित हुए काॅमनवेल्थ गेम्स तक पहुंचना ही देश के लिए गर्व की बात है। चलिए जानते हैं अनाहत सिंह के बारे में।

अनाहत सिंह कौन हैं

अनाहत सिंह दिल्ली की रहने वाली एक 14 साल की खिलाड़ी हैं। अनाहत सिंह स्क्वैश प्लेयर हैं, जो इस साल बर्मिंघम में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की ओर से शामिल हुईं। अनाहत के नाम पर कई उपलब्धियां और पदक हैं। अनाहत ने साल 2019 में ब्रिटिश ओपन में स्वर्ण पदक जीता था। वहीं 2020 में ब्रिटिश एंड मलेशिया जूनियर ओपन में रजत पदक हासिल किया था।

अनाहत सिंह का जीवन परिचय

स्क्वैश खिलाड़ी अनाहत सिंह का जन्म 13 मार्च 2008 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता का नाम गुरशरण सिंह हैं जो पेशे से वकील हैं। अनाहत की मां का नाम तानी सिंह है और वह इंटीरियर डिजाइनर हैं। अनाहत इस समय पढ़ाई कर रही हैं। वह 9वीं क्लास की स्टूडेंट हैं। साथ ही एक खिलाड़ी भी हैं।

अनाहत ने स्क्वैश खेलना कब और क्यों शुरू किया?

अनाहत ने महज 6 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। बचपन से ही खेल में रूचि रखने वाली अनाहत ने बाद में स्क्वैश खेलना शुरू किया तो उनका इस खेल के प्रति लगाव बढ़ता गया। उस दौरान अनाहत अपनी बहन के साथ खेलने जाया करती थीं। उनकी बहन भी खेल से जुड़ी हैं। एक बार अनाहत की बहन पश्चिम बंगाल में हो रहे टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए गई थीं। अनाहत भी बहन के साथ पहुंचीं। यहां से ही स्क्वैश में उनकी रुचि बढ़ी।

अनाहत की उपलब्धियां

एक इंटरव्यू के दौरान अनाहत ने बताया कि बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को देखकर ही उन्होंने भी बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। वह पीवी सिंधु को अपना आदर्श मानती हैं। अनाहत कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल होने से पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत चुकी हैं। कई टूर्नामेंट में जीत हासिल करने वाली अनाहत ने ब्रिटिश ओपन में गोल्ड मेडल जीत कर भारत का मान बढ़ाया था। वहीं कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।

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