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लाइफस्टाइल: पेल्विक फ्लोर वास्तव में मसल्स और टिशुओं का एक समूह है, जो हमारे पेल्विक के निचले भाग में स्लिंग बनाती है। यह स्लिंग हमारे अंगों को उनकी जगह पर स्थित रखता है। लेकिन, कमजोर पेल्विक फ्लोर से आंतों या ब्लैडर को कंट्रोल करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे छींकते, हंसते या खांसते समय यूरिन निकलने लगता है। ऐसे में कीगल एक्सरसाइज आपकी मदद कर सकती है। यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होती है।
आज हम आपको कीगल एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदों के बारे में बता रहे हैं। इसकी जानकारी अक्षर योग केंद्र के संस्थापक, योग और आध्यात्मिक गुरु हिमालय सिद्ध अक्षर दे रहे हैं।
एक्सपर्ट का कहना है, ''कीगल एक्सरसाइज एक आसान क्लेंच-एंड-रिलीज तकनीक हैं, जिसे हम अपने पेल्विक फ्लोर की मसल्स को मजबूत बनाने के लिए कर सकते हैं। पेल्विक हमारी वेजाइना और हिप्स के बीच का हिस्सा है, जो हमारे प्रजनन अंगों को सहारा देता है।''
कीगल एक्सरसाइज की विधि
कीगल एक्सरसाइज करने से पहले अपना ब्लैडर खाली कर लें।
एक्सरसाइज करने से पहले बैठने या लेटने के लिए शांत जगह ढूंढ लें।
जैसे-जैसे अभ्यास करेंगे, वैसे-वैसे पाएंगे कि आप यह एक्सरसाइज कहीं भी कर सकते हैं।
जब आप पहली बार एक्सरसाइज करें, तब अपने पेल्विक फ्लोर की मसल्स को तीन की गिनती तक तनाव दें।
फिर तीन की ही गिनती तक आराम दें।
ऐसा दस बार करें।
अभ्यास इस प्रकार जारी रखें कि हम मसल्स पर 10 की गिनती तक काम कर सकें।
हमारा लक्ष्य हर दिन 10 रेप्स के तीन सेट करना होना चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें:पेल्विक मसल्स को मजबूत बनाने के लिए हर महिला को करनी चाहिए कीगल exercise
महिलाओं के लिए कीगल एक्सरसाइज के फायदे
कई कारक जैसे प्रेग्नेंसी, डिलीवरी, उम्र बढ़ना, वजन बढ़ना आदि महिलाओं में पेल्विक फ्लोर को कमजोर कर देते हैं। पेल्विक फ्लोर की मसल्स ब्लैडर, यूट्रस और आंतों को सहारा देती हैं। कीगल एक्सरसाइज से महिलाओं को फायदा हो सकता है।
मसल्स के कमजोर होने पर पेल्विक अंग महिला के वेजाइना में नीचे जा सकते हैं। बेहद असुविधाजनक होने के अलावा, यह मूत्र असंयम का कारण भी बन सकता है।
डिलीवरी सिजेरियन हो या नॉर्मल, प्रेग्नेंसी से पेल्विक फ्लोर की मसल्स कमजोर हो जाती हैं। यह कमजोरी वेजाइनल डिलीवरी के साथ बढ़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप मसल्स फट सकती हैं। अच्छी खबर यह है कि ये मसल्स अन्य मसल्स की तरह ही कीगल एक्सरसाइज की मदद से ठीक और ताकतवर हो सकती हैं।
महिलाएं प्रेग्नेंट होने से पहले पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूतकरना शुरू कर सकती हैं और प्रेग्नेंसी के दौरान कीगल एक्सरसाइज करके इसे मजबूत करना जारी रख सकती हैं। लेकिन, यदि यूट्रस में संकुचन का अनुभव हो, तो इसे न करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान पेट की मसल्स में खिंचाव हमारे कोर को कमजोर कर सकता है। गर्भधारण से पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। लेकिन कीगल एक्सरसाइज से आपको मदद मिल सकती है।
इसके अलावा, काम और बच्चों की देखभाल के बाद महिलाएं खुद का ध्यान नहीं रख पाती हैं, जिससे वजन बढ़ने लगता है। नियमित एक्सरसाइज कुछ प्रभावों को कम कर सकती है और डिलीवरी के बाद वापस आकार में आने में मदद कर सकती है।
Manish Sahu
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