लाइफ स्टाइल

पहली बार जॉब जॉइन करते वक़्त इन बातों का रखें ख़्याल

Kajal Dubey
29 April 2023 5:21 PM GMT
पहली बार जॉब जॉइन करते वक़्त इन बातों का रखें ख़्याल
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यदि आप पहली बार किसी छोटी या मल्टीनैशनल कंपनी में बतौर प्रोफ़ेशनल 9 घंटे की नौकरी करने जा रही हैं, तो बेशक़ आपका मन घबराहट व उत्साह दोनों से अटा पड़ा होगा. आपको बहुत सारी बातों को ध्यान में रखते हुए अपने क़दम पूरे आत्मविश्वास के साथ बढ़ाना चाहिए. फ़र्स्ट इम्प्रेशन इज़ द लास्ट इम्प्रेशन की तर्ज पर कहें तो आपकी पहली नौकरी के शुरुआती दिन आपकी इमेज को बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं. इसलिए अच्छी तरह तैयारी करके, पूरे आत्मविश्वास व जुनून के साथ आगे बढ़ें. यहां हम आपको कुछ बुनियादी टिप्स दे रहे हैं, जिन्हें फ़ॉलो कर आप अपनी पहली नौकरी पर अपने इम्प्रेशन को बेहतर बना सकते हैं.
रिसर्च करें
आप जहां कहीं भी जॉब करने जा रही हों, वहां का लैंगिक अनुपात और लीडरशिप टीम में महिलाओं की मौजूदगी के बारे में जानकारी जुटाएं. इससे आपको वहां के वर्क कल्चर और महिलाओं के प्रति कंपनी के रवैये के बारे में काफ़ी जानकारी मिल सकती है.
बदलाव को खुले दिल व दिमाग़ से स्वीकारें
एक छोटी या मल्टीनैशनल कंपनी में ख़ुद को एड्जस्ट करने के लिए शुरुआती दिनों पर पूरा फ़ोकस कंपनी को समझने में रखें. यदि आपकी कंपनी में इंडक्शन यानी परिचय प्रोग्राम्स होते हैं, तो इन्हें ज़रूर अटेंन करें. हर सेशन को समझें और ज़रूरत पड़ने पर नोट्स भी बनाएं. आगे ज़रूरत पड़ने पर या कुछ न समझ आने पर अनुभवी सहयोगियों से सहायता लेनी चाहिए.
नई प्रणालियों और प्रक्रियाओं के लिए आपको खुला और अनुकूल होना चाहिए. नई चीज़ें जानने के लिए हमेशा उत्सुक रहें. विचारों के प्रति ग्रहणशील होना चाहिए, न कि अपनी ही सोच पर एकदम से अडिग.
महिलाओं से जुड़े नियमों पर ध्यान दें
यदि आप शादीशुदा हैं और भविष्य में बच्चा प्लैन करनेवाली हैं, तो कंपनी की मैर्ट‌निटी पॉलिसी के बारे में जानकारी जुटाएं. यह जानने के लिए कि आपका नया कार्यस्थल गर्भावस्था के अनुकूल है या नहीं, कंपनी की एचआर नीतियों को विस्तार से पढ़ें. कोई जानकारी न मिले, तो एचआर से स्पष्ट रूप से इस बारे में बात करें. आमतौर पर मैर्टनिटी लीव्ज़, नर्सिंग ब्रेक, क्रेश सुविधा आदि के बारे में वाजिब सवाल पूछें. ध्यान रहे कि बात करते वक़्त आपका टोन प्रोफ़ेशनल और धैर्यशील हो.
बेहद प्रोफ़ेशनल अप्रोच रखें
एक प्रोफ़ेशनल हमेशा वह करने का प्रयास करता है, जो कंपनी के हित में होते है. आमतौर पर शुरुआती दौर में कैंडिडेट्स में प्रोफ़ेशनलिज़्म की भारी कमी होती है. जिससे आपका शुरुआती इम्प्रेशन बिगड़ सकता है. इसलिए ऑफ़िस को ऑफ़िस की तरह लें और बेहद औपचारिक तौर-तरीक़े अपनाएं. हर ऑफ़िशियल बात गंभीरता और ज़िम्मेदाराना ढंग से करें व हर कम्यूनिकेशन को मेल पर रखें. किसी पर निजी व जजमेंटल कमेंट्स करने से बचें.
भाषा को सौम्य रखें
राजनीति से लेकर किसी भी व्यक्ति तक के बारे में अपनी निजी राय किसी के सामने रखने से पहले 100 बार सोचें. ऐसी निजी मत वाली बातचीत को अवॉइड करना ही बेहतर होता है. भाषा को बेहद नम्र और स्पष्ट रखें. अक्सर कॉलेज के बाद पहली नौकरी करने पर हम वहां भी सभी को दोस्त की तरह देखते हैं और हमारे बात करने का तौर-तरीक़ा भी काफ़ी हल्का व दोस्ताना होता है. इसलिए शुरुआती समय में बहुत सोच-समझकर बात करें. कॉलेज फ़ेज़ को भूलकर ऑफ़िस में प्रोफ़ेशनल्स की तरह केवल विषय से जुड़ी बात करें. हां, ब्रेक में आप कलीग्स से हल्की-फुल्की फ़िल्मों, गानों, फ़ैशन इत्यादि से जुड़ी बातें कर सकते हैं, लेकिन तब भी अपनी भाषा को संयमित रखें. विचार-विमर्श और मंथन के दौरान, एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण की सराहना और प्रयास करना चाहिए और यदि ऐसा नहीं है, तो आदरपूर्वक असहमति जताएं. सॉरी, थैंक यू, प्लीज़, क्या मैं कर सकती हूं, जैसे शब्दों व आग्रहपूर्ण वाक्यों का खुलकर प्रयोग करें.
निजी रिश्ते बनाने से बचें
आप पहली बार नौकरी करने जा रही हैं, इसलिए आपको हो सकता है, कई बार ऑफ़िस में कुछ शेयर करने के लिए दोस्त या किसी साथी की ज़रूरत महसूस हो. लेकिन कोशिश करें कि शुरुआती दौर में लोगों को जानने में ज़्यादा समय बिताएं, बजाय दोस्ती की जल्दबाज़ी करने के. यह कड़वी सच्चाई है कि ऑफ़िस दोस्त बनाने की जगह नहीं है, बल्कि यह काम करने व अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की जगह है. इसलिए अपने काम को वरीयता दें और ऑफ़िस के बाहर के दोस्तों के साथ बातें शेयर करें. अपनी निजी बातें शेयर करने से बचें. और केवल अपने ही बारे में बात न करते रहें. बेहतर यही होगा कि आप सुनें ज़्यादा बोले कम. इसका मतलब यह भी नहीं कि आप ऑफ़िस में चुपचाप बैठी रहें. लोगों से मिले-जुलें, कॉन्टैक्ट्स बनाएं, लेकिन एक मज़बूत, सशक्त और प्रोफ़ेशनल महिला की तरह.
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