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जी घबराना या मतली आना एक सामान्य स्थिति है, इस आभास को नॉशिया कहा जाता है। नॉशिया की स्थिति कई कारणों से हो सकती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जी घबराना या मतली आना एक सामान्य स्थिति है, इस आभास को नॉशिया कहा जाता है। नॉशिया की स्थिति कई कारणों से हो सकती है। हालांकि बार-बार महसूस होने वाली इस समस्या को लेकर सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। ध्यान न देने पर यह स्थिति शरीर के अंदरूनी अंगों पर बुरा असर डाल सकती है और गम्भीर रूप भी ले सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक नॉशिया दिमाग से शुरू होने वाली स्थिति है। मतलब यह एहसास शरीर की बजाय दिमाग से ट्रिगर होता है। वैसे तो उल्टी को आने से नहीं रोका जा सकता लेकिन इसके एहसास को नियंत्रित किया जा सकता है। यही कारण है कि सफर के दौरान खट्टी गोलियां चूसने जैसे उपाय आजमाए जाते रहे हैं, ताकि जी न घबराए। नॉशिया की स्थिति को कई चीजें ट्रिगर कर सकती हैं। इसमें सामान्य संक्रमण से लेकर किसी प्रकार की सर्जरी, पेट सम्बन्धी रोग, कोई दवाई, कैंसर का ट्रीटमेंट, हार्मोन सम्बन्धी कोई अनियमितता, फ़ूड एलर्जी या गर्भवस्था के कारण आपको इसका एहसास हो सकता है। आइए जानते हैं कि इससे बचाव के कौन से उपाय असरदार हो सकते है?
हाइड्रेशन है जरूरी
शरीर में पानी की जरूरत हमेशा ही होती है। केवल पानी या तरल पदार्थ ही नहीं, पर्याप्त पोषण भी शरीर के लिए जरूरी होता है। नॉशिया की स्थिति में भी यह संतुलन बनाए रखना आवश्यक माना जाता है। चूंकि इस स्थिति में खाना-पीना एक चुनौती हो सकती है। इसलिए ऐसी चीजों का चुनाव जरूरी है जो पोषण भी दें और फायदेमंद भी हों।
ऐसे आहार हो सकते हैं फायदेमंद
यूं फल सेहत के लिए अच्छे होते हैं लेकिन कई लोगों को नॉशिया की स्थिति में सेब जैसा फायदेमंद फल भी बुरा लग सकता है। केले का सेवन नॉशिया में मददगार हो सकता है। केले पचाने में आसान और पोषण से भरपूर होते हैं। दस्त और उल्टी की स्थिति में ये शरीर में हुए पोटेशियम की कमी को पूरा करते हैं और शरीर को ऊर्जा देते हैं।
चावल भी पेट की कुछ स्थितियों में सहायक हो सकते हैं। खासकर पतली खिचड़ी, दही आदि के साथ। लेकिन डायबिटीज या पेट की गम्भीर समस्या की स्थिति में चावल के सेवन के पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
ठंडे पदार्थ जैसे दही, योगर्ट, कस्टर्ड, आइसक्रीम, ठंडे फल आदि सहायक साबित हो सकते हैं। ठंडे पदार्थों में ज्यादातर कोई तेज सुगंध नहीं होती और नॉशिया के मामलों में खाद्य पदार्थों की सुगंध भी ट्रिगर का काम करती है। शोध बताते हैं कि 40 प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिलाओं को खाने की सुगंध के कारण नॉशिया ट्रिगर हो सकता है। ऐसी स्थिति में ठंडे पदार्थ फायदेमंद होते हैं।
शरीर को ऊर्जा का रखें ध्यान
साफ पानी, नारियल पानी, ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन्स (ओआरएस), स्पोर्ट ड्रिंक्स, आइस टी, बिना सोडे वाले जूस आदि पेय नॉशिया की स्थिति में राहत दे सकते हैं। इससे शरीर में पर्याप्त नमी भी बनी रहती है, साथ ही शरीर को ऊर्जा भी मिलती रहती है।
भोजन में प्रोटीनयुक्त पदार्थ शामिल करने से भी फायदा हो सकता है।इसके अलावा अदरक में मौजूद कई बायोएक्टिव कम्पाउंड जैसे जिंजरॉल, पैराडॉल और शागेल आदि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और पेट दोनों पर असर करके नॉशिया के असर को कम करने में सहायक होते हैं।
मतली-उल्टी से बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान
भोजन के साथ कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखें।
मुंह की साफ सफाई का ध्यान रखें। माउथवॉश का प्रयोग करें।
खाने के तुरन्त बाद सोएं या लेटे नहीं। कम से कम आधा घण्टे बाद सोने जाएं
भोजन और तरल दोनों कम कम मात्रा में बार-बार लें।
लगभग हर 2-3 घण्टे के अंतराल से थोड़ा कुछ खाएं या तरल पदार्थ का सेवन करें।
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