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Life Style : इन्फेक्शन से बचने के लिए रखें इन बातों का ख्याल
UTI के लक्षण क्या हैं?
डॉ. दयाल बताती हैं कि UTI के लक्षणों को महिलाएं कई बार वेजाइनल इन्फेक्शन से कंफ्यूज कर लेती हैं। इसलिए इसके सभी लक्षणों के बारे में पता होना बेहद जरूरी है। UTI के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं-
बार-बार यूरिन आना
यूरिनेट करने की इच्छा होना, लेकिन यूरिन न आना
पेशाब करने के बाद ही, यूरिनेट करने की इच्छा होना
यूरिनेट करने के बाद ऐसा महसूस होना, जैसे ब्लैडर खाली नहीं हुआ है
पेशाब में जलन या दर्द
यूरिन में रक्त आना
इन्फेक्शन फैलने पर ब्लैडर या पेल्विस में दर्द
तेज बुखार
कंपकंपी आना
कैसे करें UTI से बचाव?
UTI से बचाव के कुछ डॉ. दयाल ने बताए, जो इस प्रकार हैं-
हाइजीन का खास ख्याल रखें। पब्लिक टॉयलेट्स का इस्तेमाल कम से कम करें और अगर टॉयलेट गंदा है, तो बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें।
वाइप करते समय हमेशा फर्रंट टू बैक करें, ताकि एनस में मौजूद बैक्टीरिया यूरिनरी टैक्ट तक न पहुंचे। ऐसे ही जेट स्प्रे का इस्तेमाल भी आगे से करें, ताकि स्टूल बैक्टीरिया यूरिनरी टैक्ट में न जाएं।
टाइट और सिंथेटिक अंडरवेयर न पहनें। इससे प्राइवेट पार्ट्स में ज्यादा पसीना आता है, जिसके कारण बैक्टीरिया आसानी से पनपने लगते हैं। ऐसे ही, टाइट जीन्स की वजह से भी प्राइवेट पार्ट्स में पसीना ज्यादा आता है और हवा पास नहीं हो पाती। इसलिए हमेशा कॉटन अंडरवेयर पहनें और धीली पैन्ट्स पहनें।
भरपूर मात्रा में पानी पीएं और हाइड्रेटेड रहें, ताकि समय-समय पर सही मात्रा में यूरिन आए और बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट से बाहर निकल जाएं।
ज्यादा समय तक यूरिन रोकने की कोशिश न करें। इससे बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है।
किसी भी वेजाइनल वॉश, साबुन, शैम्पू, डिटरजेंट आदि का इस्तेमाल प्राइवेट पार्ट्स को साफ करने के लिए न करें। इससे वेजाइना का pH बिगड़ जाता है, जिसके कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है।
कैसे करें UTI का इलाज?
UTI का इलाज हमेशा डॉक्टर की निगरानी में ही होना चाहिए। खुद से ओवर-द-काउंटर दवाएं लेने की गलती न करें। खुद से एंटी-बायोटिक्स लेने से शरीर में एंटी-बायोटिक रेजिस्टेंस बढ़ने लगता है, जिसके कारण UTI फैल भी सकता है या बार-बार वापस आ सकता है। इसलिए हमेशा डॉक्टर से मिलकर इसके लक्षण बताएं, ताकि टेस्ट करने के बाद डॉक्टर आपको एंटी-बायोटिक्स की सही डोज दे सकें। इसके साथ ही, भरपूर मात्रा में पानी पीएं, जूस आदि पीएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। इसके अलावा, एंटी-बायोटिक्स के साथ क्रैनबेरी सप्लीमेंट्स भी UTI के इलाज में मदद कर सकते हैं।