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लाइफ स्टाइल
माउथवॉश का चयन और इस्तेमाल करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
Tara Tandi
5 March 2022 3:43 AM GMT
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ओरल हाइजीन यानी मुंह की साफ-सफाई को लेकर जागरूक रहना बहुत आवश्यक है। यह केवल दांतों की सेहत से जुड़ा मसला नहीं है, ओरल हाइजीन को नजरअंदाज करना पूरे शरीर पर भारी पड़ सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ओरल हाइजीन यानी मुंह की साफ-सफाई को लेकर जागरूक रहना बहुत आवश्यक है। यह केवल दांतों की सेहत से जुड़ा मसला नहीं है, ओरल हाइजीन को नजरअंदाज करना पूरे शरीर पर भारी पड़ सकता है। दांतों, मसूड़ों और जुबान आदि पर होने वाला संक्रमण ह्रदय और लिवर जैसे अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर यदि आप डायबिटीज जैसी समस्याओं से पहले ही जूझ रहे हों तो, मुंह की सफाई का पूरा ध्यान रखना और भी आवश्यक हो जाता है।
दांतों की सफाई और नियमित जांच भी अन्य शारीरिक परीक्षणों की ही तरह है। ओरल हाइजीन के लिए हम सभी कई तरह के उत्पादों को प्रयोग में लाते हैं, माउथवॉश भी उनमें से एक है। माउथवॉश के चयन और उपयोग दोनों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, वरना थोड़ी सी भी लापरवाही बड़ी मुसीबतों का कारण बन सकती है।
माउथवॉश से जुड़ी सावधानियां
पिछले कुछ समय में ओरल हाइजीन को लेकर लोगों में जागरूकता आई है। दिन में दो बार दांतों को ब्रश करने की आदत के साथ ही फ्लॉस, माउथवॉश आदि जैसे मुंह की सफाई के उत्पादों का उपयोग भी बढ़ा है। मुश्किल यह है कि ज्यादातर लोग इन चीजों का उपयोग या तो विज्ञापनों को देखकर करते हैं या फिर अपने मन से। जबकि इन चीजों का गलत तरीके से इस्तेमाल भी नुकसान पहुंचा सकता है। माउथवॉश से जुड़ी भी ऐसी कई बातें हैं जो इस्तेमाल से पहले आपकी जानकारी में होनी चाहिए।
माउथवॉश में कुछ कैमिकल हो सकते हैं जो मुंह को साफ रखने और बैक्टरिया, जर्म्स आदि से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। लेकिन इनका बहुत ज्यादा इस्तेमाल सेहत के लिहाज से नुकसानदायक भी हो सकता है। कई माउथवॉश में अल्कोहल भी होता है जिसकी वजह से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए माउथवॉश का चयन और इस्तेमाल प्रयोग करने से पहले इस बारे में अच्छी तरह से जान लें।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
माउथवॉश की एक्सपायरी डेट आमतौर पर 2-3 साल तक हो सकती है। लेकिन कई लोग इन्हें और लम्बे समय तक रखकर उपयोग में लाते हैं। ऐसे में इसमें मौजूद वे तत्व जो सुरक्षा के लिहाज से होते हैं, उनका कोई असर बाकी नहीं होता। इन तत्वों में अल्कोहल के अलावा फ्लोराइड, हाइड्रोजन पैराऑक्साइड और एसेंशियल ऑइल शामिल होते हैं। एक्सपायरी डेट खत्म हो जाने पर उलटे ये समस्याएं भी पैदा कर सकते हैं।
यदि माउथवॉश का रंग बदलता हुआ दिख रहा है या उसमें अजीब बदबू आने लगे, तो तुरन्त उसे इस्तेमाल से बाहर कर दें।
माउथवॉश अलग-अलग तरह के होते हैं। कुछ माउथवॉश को फ्रिज में रखने की जरूरत भी होती है। इस तरह के माउथवॉश की शेल्फ लाइफ और भी कम होती है, इस बात का ध्यान रखें।
प्लास्टिक की बोतल में आने वाले माउथवॉश को लेकर भी सावधानी बरतना जरूरी है क्योंकि ज्यादा समय बीतने के साथ माउथवॉश में मौजूद इन्ग्रेडियेन्ट्स के क्षय के कारण बोतल के प्लास्टिक पर भी बुरा असर पड़ने लगता है।
माउथवॉश का सही चयन बहुत जरूरी
माउथवॉश को कभी भी सीधे सूरज की रोशनी में न रखें।
यदि आप सांस में बदबू, पायरिया, दांतों की सड़न जैसी समस्याओं से गुजर रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह से सही माउथवॉश चुनें। सामान्य माउथवॉश और मेडिकेटेड माउथवॉश में अंतर हो सकता है।
यदि आपको डायबिटीज या छालों के बने रहने जैसी समस्या है तो भी माउथवॉश के प्रयोग से पहले डॉक्टर की राय जरूर लें।
Tara Tandi
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