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दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक कार्तिगई दीपम का पर्व मनाया जाता है। उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह पर्व होता है। लेकिन इस पर्व का निर्धारण तमिल सौर कैलेंडर के आधार पर होता है। इस कारण यह पर्व कार्तिकई के महीने में पड़ता है। जब कार्तिगई नक्षत्र कार्तिकई के महीने में पूर्णिमा के दिन पूर्णिमा के साथ मेल खाता है। तब ये पर्व होता है। इस पर्व को दीपावली की तरह मनाया जाता है। जानिए कार्तिगई दीपम का शुभ मुहूर्त और महत्व।
कार्तिगाई दीपम 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Karthigai Deepam 2022 Date And Shubh Muhurat)
कार्तिगाई दीपक तिथि- 6 दिसंबर 2022, मंगलवार
कार्तिगाई नक्षत्रम् प्रारम्भ - 6 दिसंबर 2022 को सुबह 08 बजकर 38 मिनट से शुरू
कार्तिगाई नक्षत्रम् समाप्त - 7 दिसंबर 2022 को सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक
कार्तिगाई दीपम का गौरी पञ्चाङ्गम
तमिल गौरी पंचांगम का उपयोग नए काम को शुरू करने और अशुभ समय से बचने के लिए किया जाता है। शुभ कार्य शुरू करने के लिए पांच अच्छे गौरी पंचांग समय, अमिर्धा, धनम्, उथी, लाभम् और सुगम हैं।
लाभम्- 6 दिसंबर सुबह 08:18 से 09:36 तक
धनम्- 09:36 से 10:54 तक
सुगम्- 10:54 से 12:12 तक
अर्मिधा- शाम 16:06 से 17:24 तक
उथी- शाम 19:06 से 20:48 तक
कार्तिगाई दीपम 2022 महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिगई दीपक के दिन हर कोई अपने घर और आसपास की जगहों पर तेल का दीपक जलाकर खुशियां मनाते हैं। माना जाता है कि दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख समृद्धि का वास होता है।
कैसे मनाएं कार्तिगई दीपक का पर्व
इस दिन सूर्योदय में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर मुख्य द्वार को साफ सुथरा करके रंगाई पुताई के साथ रंगोली बनाई जाती है। इसके साथ ही घर के आंगन, पूजा घर में भी रंगोली बनाते हैं और शाम को पूरे घरों को दीपक से जलाने से साथ उत्सव मनाते हैं।
अरुणाचलेश्वर स्वामी मंदिर कार्तिगई दीपम
इस खास मौके पर तमिलनाडु और केरल के सभी मंदिरों विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। वहीं तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई अरुणाचलेश्वर स्वामी मंदिर में कार्तिगई दीपम उत्सव की भव्यता देखने लायक होती है। इस दिन यहां पर लाखों लोगों पहुंचते हैं। यहां होने वाले पर्व को से कार्तिकई ब्रह्मोत्सवम के रूप में जाना जाता है। यह पर्व पूरे 10 दिनों तक चलता है। कार्तिगई दीपम के दिन एक विशाल दीपक इस मंदिर में जलाया जाता है। जिसे महादीपम कहा जाता है।