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लाइफ स्टाइल
Junk Food: क्या आप भी खाते हैं जंक फूड? जानें इसे सेहत को नुकसान पहुँचने के बारे में...
Tulsi Rao
16 April 2022 4:30 PM GMT
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युवा पीढ़ी के फिट रहने पर ही कोई देश अपनी अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Junk Food Effects: कोई भी देश तरक्की तभी कर सकता है, जब उसकी बड़ी होती हुई युवा पीढ़ी स्वस्थ हो. युवा पीढ़ी के फिट रहने पर ही कोई देश अपनी अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है.
भारत की कुल आबादी में 15 से 59 साल के लोग 62% फीसदी हैं. आने वाले समय मे भारत को विश्व गुरु बनाने की आशाएं इसी युवा पीढ़ी पर ही टिकी हैं. हालांकि इस पीढ़ी को जंक फूड (Junk Food) मोटापे का शिकार बनाकर हृदय रोग, डाइबिटीज और मानसिक रोग मुफ्त में दे रहे हैं.
जंक फूड खाने से निकल जाता है पेट
ब्राज़ील की SAO Paulo यूनिवर्सिटी द्वारा 5 साल तक साढ़े 3 हज़ार से ज्यादा 12 से 19 साल तक के लोगों पर स्टडी की गई. इसमें सामने आया है कि जो युवा जंक फूड (Junk Food) ज्यादा खाते हैं, उनका पेट बाहर निकल जाता है. इसके साथ ही निचले अंग लिवर और इंटेस्टाइन के पास Fat इकट्ठा होने की वजह से high blood pressure, हृदयरोग, type 2 diabetes, high cholesterol जैसी बीमारियां पकड़ लेती हैं.
Journal of the Academy of Nutrition and Dietetics में छपी ब्राजील की SAO Paulo यूनिवर्सिटी की रिसर्च में बताया गया कि 12 से 19 साल के जो युवा अपनी कुल डाइट में 64% तक जंक फूड खाते थे, उनमें से 52 फीसदी युवाओं को पेट बाहर निकलने की समस्या ने जकड़ लिया था.
मोटापे से कई बीमारियों का खतरा
पेट बाहर निकलने की समस्या के अलावा 63% युवाओं के निचले अंग लिवर और इंटेस्टाइन के पास Fat जमा हो गया था. जिससे इन युवाओं को कम उम्र में ही high blood pressure, हृदयरोग, type 2 diabetes, high cholesterol जैसी बीमारियों से संक्रमित होने का खतरा बन गया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कम उम्र के लोगों में मोटापे (Obesity) की समस्या 21वीं सदी की सबसे बड़ी दिक्कत बनती जा रही है, जिसे पूरा विश्व झेल रहा है. हालांकि भारत में यह समस्या काफी बड़ी है. भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले autonomous रिसर्च इंस्टीट्यूट 'Institute of Economic Growth' की ओर से वर्ष 2020 में जारी किए आंकड़ों के मुताबिक भारत में साल 2020 में मोटापे का शिकार 5 से 19 साल के बच्चों की संख्या 1 करोड़ 70 लाख से ज्यादा थी, जिसका साल 2030 तक बढ़ कर 2 करोड़ 70 लाख से ज्यादा होने का अनुमान है.
बच्चों पर ज्यादा पड़ रहा जंक फूड का असर
बच्चों में इस मोटापे का मुख्य कारण जंक फूड ही है. वर्ष 2019 में Centre for Science and Environment की ओर से 9 से 17 साल के बच्चों पर किए गए सर्वे में सामने आया था कि 93% बच्चे हफ्ते में एक से ज्यादा बार पैक्ड जंक फूड (Junk Food) खाते हैं. वहीं 13 से 17 साल के 59% बच्चे ऐसे थे, जो रोजाना जंक फूड खाते थे या फिर packed beverage पीते थे.
भारत की युवा आबादी को भी जंक फूड वाला मोटापा (Obesity) किस तरह से अपने जाल में फंसा रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत में 20 से 29 साल के 42% युवा मोटापे का शिकार हैं. वहीं 30 से 44 साल से युवाओं में 62% से ज्यादा युवा मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं.
36 साल की उम्र में 180 किलो वजन
मोटापा किस हद तक इंसान की जिंदगी को बर्बाद कर देता है. इसका जीता जागता उदाहरण गाजियाबाद में रहने वाले 36 साल के धीरज अग्रवाल हैं. उनका वजन 180 किलो से ज्यादा है और बोलते बोलते सांस फूलने लगती है. चेहरे पर पसीना आने लगता है. उनकी रीढ़ की हड्डी झुक चुकी है. डॉक्टरों ने कहा है कि जल्द से जल्द Benetic Surgery करवानी होगी, जिससे जीवित रहने की संभावना बनी रहे.
हालांकि धीरज के लिए सर्जरी करवाना सबसे मुश्किल काम बना हुआ है क्योंकि सर्जरी की पूरी कीमत चुकाने के लिए उनके पास रुपये नहीं हैं. वहीं उनके इंश्योरेंस क्लेम को कंपनी ने तकनीकी कमी निकालकर अधर में लटका दिया है. असल मे धीरज की रीढ़ की हड्डी झुक जाने की वजह से डॉक्टरों ने धीरज की जो लंबाई इंश्योरेंस कंपनी को भेजी थी, वो इंश्योरेंस लेते समय ली गई लंबाई से कम थी. इसी त्रुटि को आधार बना कर इंश्योरेंस कंपनी ने सर्जरी के लिए पूरे पैसे देने के लिए मना कर दिया है.
दुनिया का सबसे युवा देश है भारत
भारत दुनिया की सबसे बड़ी युवा शक्ति है. भारत की आधी आबादी की उम्र 28 वर्ष से कम है. इस लिहाज़ से भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में आता है. जबकि चीन और अमेरिका जैसे देशों में लोगों की मध्य आयु 37 वर्ष है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया 39 वर्ष, रूस 40 वर्ष, कनाडा 42 वर्ष और जापान में ये उम्र 49 वर्ष है. यानी जापान की आधी आबादी 49 वर्ष से ज्यादा की है. मतलब आधी आबादी बूढ़ी हो चुकी है.
ऐसे में आज के भारत युवाओं को हमारी यही सलाह है कि जंक फूड (Junk Food) की जगह घर का पौष्टिक भोजन खाएं क्योंकि भारत विश्व गुरु तभी बन पाएगा जब देश का युवा Fit होगा. आज के भारत के युवाओं की जिम्मेदारी पेट संभालने के बजाय देश को संभालने की है.
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