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लाइफ स्टाइल
बच्चों के लिए जानना बहुत जरूरी हैं पैसों की अहमियत, आजमाए ये तरीके
SANTOSI TANDI
26 Aug 2023 2:12 PM GMT
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आजमाए ये तरीके
सभी पेरेंट्स अपने बच्चों से काफी प्यार करते हैं और इसके चलते वे उन्हें जीवन की हर सुख-सुविधाएं देना चाहते हैं। लेकिन इसी के साथ ही बच्चों को उनकी सुख-सुविधाओं पर खर्च हो रहे पैसों का ख्याल होना चाहिए ताकि वे पैसों की अहमियत समझ सकें। जिंदगी जीने के लिए पैसे बहुत जरूरी होते हैं और अगर हम इन्हीं पैसों की बचत और खर्च ठीक तरह से न करें तो तंगी में आ जाते हैं। सिर्फ पैसा आ जाना ही काफी नहीं है। पैसे को संभालकर रखना व उसका सदुपयोग करना भी बहुत जरूरी है। कोरोना के दौरान कई लोगों को यह बात समझ में आ गई हैं। ऐसे में हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे भी इस बात को समझें और पैसों को लेकर फिजूलखर्ची से बचें। आज हम आपको यहां कुछ तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को पैसों की अहमियत समझा सकेंगे।
जरूरत या चाहत
बच्चों को पैसों की बचत की वैल्यू बताने का पहला स्टेप है कि आप उन्हें जरूरत और चाहत के बीच फर्क करने में मदद करें। उसे बताएं कि खाने, घर, कपड़े, सेहत और पढ़ाई, ये सब उसकी मूलभूत जरूरते हैं और मूवी की टिकट, चॉकलेट, साइकिल या स्मार्टफोन उसकी चाहत है। आप एक लिस्ट बनाकर उसे दिखाएं कि किस तरह पहले जरूरत और फिर चाहत को पूरा करने पर पैसे खर्च करने हैं। इसके अलावा बच्चे को छोटी सी उम्र से ही ये बताएं कि हम जो चाहते हैं, वो सब कुछ खरीदा नहीं जा सकता है। कभी-कभी हमें अपनी जरूरतों और जरूरी चीजों में चुनाव करना पड़ता है, प्राथमिकताएं तय करनी पड़ती हैं।
पैसों का दें सही हिसाब
अकसर माता-पिता अपने बच्चों को यह सब नहीं बताते कि उनके पास कितने पैसे हैं या वह कितने पैसे इस महीने खर्च कर सकते हैं। ऐसे में बच्चे किसी भी समय कोई कीमती चीज की मांग कर सकते हैं। अगर माता-पिता अपने बच्चे को पहले से ही है बताएंगे कि उनका इस महीने का बजट कितना है और इस बजट के अंदर ही हमें खर्च करना है तो बच्चे सोच समझकर अपनी इच्छा को जाहिर करेंगे। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को मार्केट लेकर जाए और अगर वहां जब बच्चा कई चीजों की मांग करे तो बच्चे को अपने बजट के बारे में समझाएं। साथ ही बच्चे से कहें कि वह किसी एक चीज को खरीद सकता है। इससे न केवल बच्चे को पैसों की जरूरत का एहसास होगा बल्कि चीज खरीदने के लिए सही निर्णय भी ले पाएगा।
घर की जिम्मेदारी दें
बच्चों को मनी मैनेजमेंट सिखाने के लिए उन्हें बचपन से ही घर की छोटी-छोटी जिम्मेदारियां देते रहें। ऐसे में शॉपिंग करने से लेकर राशन और सब्जियों की खरीददारी में बच्चों की हेल्प मांगें। इससे बच्चे महंगाई को ध्यान में रखकर जरूरी चीजों का चयन करना सीख जाएंगे।
गुल्लक लाकर दें
आप अपने बच्चे को 2 गुल्लक लाकर दें। एक गुल्लक वह, जिसमें अपने पैसे इकठ्ठए कर सकता है और एक गुल्लक वह, जिसमें से वह अपने खर्च के लिए पैसे निकाल सकता है। ऐसे में जब आप अपने बच्चों को उनकी पॉकेट मनी दें या बच्चा उन गुल्लक में अपने पैसे जोड़े तो आप बच्चे को समझाएं की बचत वाली गुल्लक को ना छुए और खर्च वाली गुल्लक से ही अपनी जरूरी चीजें की पूर्ति करें। ऐसा करने से बच्चे के पास बचत के पैसे बचे रहेंगे और खर्च के लिए वह खास चीजों को ही चुनेगा।
विकसित करें उनकी समझ
जिस तरह से आप घरों में बच्चों की परवरिश करते वक्त उन्हें रिश्तों के बारे में बताते हैं। खेलों के बारे में जानकारी देते हैं, उसी तरह से पैसों को लेकर भी उनकी समझ को विकसित करें। बच्चों के साथ संभव हो तो घर में बजट को लेकर बातचीत करें। उन्हें गुल्लक दें और पैसे जमा करना सिखाएं। अगर आपका बच्चा आपसे पैसों को लेकर बातचीत करता है तो उसे प्यार से अर्थ के बारे में जानकारी दें।
पॉकेट मनी दें मगर हिसाब से
बच्चों को सीमित मात्रा में पॉकेट मनी देने से आप उनमें फाइनेंशियल अवेयरनेस जगा सकती हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपने ज्यादा पॉकेट मनी दे दिया तो इससे बच्चे को पैसे की फिजूलखर्च की आदत भी लग सकती है। आप बच्चे से पूछ सकती हैं कि उसने अपने पॉकेट मनी का क्या किया। अगर वह उस पॉकेट मनी की भी सेविंग कर घर के किसी सदस्य के लिए गिफ्ट लाना चाहता है या मम्मी-पापा को कुछ देना चाहता है तो उसकी कोशिशों के लिए उसकी तारीफ करें।
बच्चों के लिए बनाएं बचत की डायरी
आप अपने बच्चों को एक डायरी भी लाकर दें, जिसमें वे पूरे हफ्ते या पूरे महीने का बचत लिखें कि उनके बच्चों न कितना पैसा कहां खर्च किया। ऐसे में आप महीने के शुरुआत में ही बच्चों को उसकी पॉकेट मनी दे दें और उसके बाद महीने के अंत में बच्चे से पूरा हिसाब मांगे। बच्चा उस डायरी पर अगर पूरा हिसाब लिखेगा और आपको समझाएगा तो इससे उसके भविष्य में भी यह आदत बनी रहेगी और बच्चे सोच समझकर ही पैसा खर्च करेंगे। बता दें कि बच्चों के अंदर इन आदतों का होना जरूरी है।
उन्हें खुद कमाने दें
इसके लिए आपको बच्चे को कहीं बाहर नहीं भेजना है बल्कि उससे घर के ही कुछ काम करवाएं और उसके बदले में उसे कुछ पैसे दें। इससे बच्चे को समझ आएगा कि पैसा किस तरह मेहनत कर के कमाया जाता है और उसकी कितनी अहमियत है।
गैर जरूरी सामानों को फेंकने से रोकें
छोटे बच्चे अक्सर खिलौने, कपड़े या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स खराब होने पर उन्हें डस्टबिन में डाल देते हैं। ऐसे में बच्चों को खराब हो गई चीजें दान करने या गैराज में बेचने की आदत डालें। इससे बच्चे खराब सामान की भी वैल्यू समझ पाएंगे और अपनी चीजों को काफी सहेज कर रखना शुरू कर देंगे।
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