- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- कम से कम 7-8 घंटे सोना...
लाइफ स्टाइल
कम से कम 7-8 घंटे सोना जरूरी, इन कारणों से उड़ रही है रातों की नींद
Kajal Dubey
25 May 2023 5:49 PM GMT

x
पूरे दिन की थकान मिटाने के लिए आम तौर पर हमें कम से कम सात से आठ की घंटे अच्छी नींद ज़रूरी होती है। मेडिकली इसे कई सारी परेशानियों से बचने के लिए पर्याप्त माना जाता है, लेकिन आजकल लोग और ख़ास तौर से युवा, नींद पूरी करने के प्रति काफ़ी लापरवाह होते जा रहे हैं। नींद पूरी ना करने का ख़ामियाजा उन्हें कई सारी बड़ी बीमारियों के रूप में भुगतना पड़ता है।
नींद पूरी ना होने की वजह से युवाओं को वे बीमारियां घेरने लगती हैं, जो पहले बड़ी उम्र के लोगों में पाई जाती थीं। आज की पीढ़ी में युवाओं की लिस्ट में सात से आठ घंटे की अच्छी नींद लेना शामिल नहीं होता है। और कुछ ऐसे भी हैं, जो आलस के चलते दिनभर बेड या सोफ़े पर पड़े रहते हैं, जिसका नतीजा होता है कि रात में उन्हें नींद नहीं आती है और ना ही उसे पूरी करने की सोचते हैं।
अनियमित और अनियंत्रित दिनचर्या के कारण अधिकांश युवा पूरी नींद नहीं लेते हैं। और इसमें भी नींद को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, जिनका बिना समय देखे धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है। फिर कारण चाहे पढ़ाई हो, चैटिंग हो या फिर इंटरनेट सर्फ़िंग। इन सबकी वजह से युवा देर रात तक जागते हैं, जिसकी वजह से दिमाग़ को सही समय पर नींद का सिग्नल नहीं मिल पाता है और स्लीप साइकिल प्रभावित होती है, जो धीरे-धीरे अनिद्रा यानी इन्सोम्निया बीमारी की वजह बन जाती है।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के नुक़सान
90 फ़ीसदी लोग सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का प्रयोग करते हैं। लोग देर रात तक वेब सीरीज़, गेम, फ़िल्में, सोशल मीडिया आदि देखते रहते हैं। मनोरोग विशेषज्ञों के अनुसार यह एक तरह से स्क्रीन ऐडिक्शन है, जो लोगों को अपनी गिरफ़्त में लेते जा रहा है। सोने से ठीक पहले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के इस्तेमाल से ब्रेन ऐक्टिव हो जाता है और इससे नींद के लिए ज़रूरी मेलाटोनिन नामक रसायन प्रभावित होता है और ठीक से नींद नहीं आती है।
आज के समय में अनिद्रा के मुख्य कारणों में इलेक्टॉनिक गैजेट्स सबसे ऊपर हैं। ये सोचने की प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं, जिसकी वजह से आप सोते समय भी कुछ ना कुछ सोचते रहते हैं, जिससे आपकी नींद प्रभावित होती है। दूसरी परेशानी डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी। डिप्रेशन में व्यक्ति नकारात्मक बातें सोचता है और एंग्ज़ायटी में ना हो सकने वाली बात या जिसके होने का मात्र एक फ़ीसदी चांस रहता है ऐसी बातों में लगा रहता है।
स्लीप साइकिल का रिसेट हो जाना
नींद की एक साइकल 90 से 100 मिनट की होती है और एक व्यक्ति को अपनी नींद पूरी करने के लिए ऐसी चार से पांच साइकिल की ज़रूरत होती है। अगर रोजाना इसमें लापरवाही बरती जाती है, तो स्लीप साइकिल रिसेट होने लगती है और अनिद्रा की स्थित पैदा हो जाती है। अगर लंबे समय तक यही लापरवाही बरती जाती है, तो इन्सोम्निया के अलावा भी कई तरह की बीमारियां जकड़ लेती हैं।
कुछ और वजहों से भी नींद पूरी कर पाना मुश्क़िल होता है-जैसे
- तनाव
- काम की वजह से लंबी यात्राएं
- लगातार नाइट शिफ़्ट करना
- रात में देर से भोजन करना
- कुछ दवाओं का लगातार प्रयोग
- दिमाग़ी बीमारी
- अत्याधिक चाय-कॉफ़ी का सेवन
- स्मोकिंग
- शारीरिक गतिविधियों की कमी
- बढ़ती उम्र, आदि।
Tagsजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़छत्तीसगढ़ न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिसिलाआज का ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsChhattisgarh NewsHindi NewsIndia NewsKhabaron Ka SisilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaper

Kajal Dubey
Next Story