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नवजात शिशु के लिए मां का दूध पोषण का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है, जिससे उससे शारीरिक विकास और इम्यूनिटी को बनाने के लिए सभी पोषक तत्व मिलते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नवजात शिशु के लिए मां का दूध पोषण का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है, जिससे उससे शारीरिक विकास और इम्यूनिटी को बनाने के लिए सभी पोषक तत्व मिलते हैं। मगर, जब स्तनपान की बात आती है तो रिश्तेदार से लेकर पड़ोसी तक सभी आपको राय देने लगते हैं। हालांकि उनकी कुछ बातें सही होती है लेकिन सभी नहीं। स्तनपान के बारे में ऐसे बहुत सारे मिथक हैं कि जिसके बारे में महिलाओं को जानकारी होना बहुत जरूरी है, खासकर नई मांओं को।
मिथः सर्दी-जुकाम होने पर शिशु को नहीं पिलाना चाहिए दूध
सचः यह बात पूरी तरह से गलत है। मां के दूध में एंटी-बॉडीज होती है, जो ना सिर्फ शिशु का बचाव करती हैं बल्कि उनकी इम्यूनिटी भी बढ़ाती है। इससे शिशु को सर्दी-जुकाम होने खतरा नहीं होता।
मिथः बच्चों को दोनों स्तनों से बराबर फीड करवाना जरूरी
सचः ऐसा जरूरी नहीं है कि आप बच्चे को दोनों स्तनों से बराबर फीड करवाएं। यह बच्चे की भूख पर निर्भर करता है।
मिथः मां को लेटकर करवाना चाहिए फीड
सचः एक्सपर्ट की मानें तो शिशु के हमेशा बैठकर फीड करवाना चाहिए। लेटकर बच्चे को दूध पिलाना उनके लिए सुरक्षित नहीं है। इससे दूध शिशु के गले में अटक सकता है।
मिथः स्तनपान से पहले निपल्स को धोना चाहिए
सचः स्तनपान कराने से पहले निपल्स को धोना जरूरी नहीं है। जब बच्चे पैदा होते हैं तो वे पहले से ही अपनी मां की गंध और आवाज़ से बहुत परिचित होते हैं। निप्पल एक ऐसा पदार्थ पैदा करते हैं जिससे बच्चा सूंघता है और उसमें 'अच्छे बैक्टीरिया' होते हैं जो शिशु को प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने में मदद करते हैं।
मिथः स्तनपान के दौरान सादा खाना ही खाना चाहिए
सचः सामान्य तौर पर मां को भोजन की आदतों को बदलने की कोई जरूरक नहीं है। गर्भ में होने के समय से शिशु अपनी मां के खान-पान की आदतों से अवगत हो जाता है।
मिथः व्यायाम दूध के स्वाद को प्रभावित करेगा?
सचः व्यायाम करना सेहत के लिए फायदेमंद है, स्तनपान करवाने वाली माताओं के लिए भी। इसका कोई प्रमाण नहीं है कि यह आपके दूध के स्वाद को प्रभावित करता है।
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