लाइफ स्टाइल

घर के अंदर भी मास्‍क पहनना हुआ जरूरी, जानिए क्यों

Gulabi
27 April 2021 8:15 AM GMT
घर के अंदर भी मास्‍क पहनना हुआ जरूरी, जानिए क्यों
x
घर के अंदर भी मास्‍क पहनना हुआ जरूरी

कोविड-19 को लेकर बनाई गई नेशनल टास्‍क फोर्स (NTF) के हेड डॉक्‍टर वीके पॉल का कहना है कि अब समय आ गया है कि जब देश में लोगों को घरों के अंदर भी मास्‍क पहनना होगा. उन्‍होंने कहा कि अगर संक्रमण की चेन को तोड़ना है तो फिर घर के अंदर मास्‍क पहनकर रहना होगा. सोमवार को भारत में 352,991 नए केस आए और 2812 लोगों की मौत हुई है. इन सबके बीच देश में एक्टिव केसेज की संख्‍या 2,813,658 पर पहुंच गई है.


क्‍यों जरूरी है घर में मास्‍क पहनना
अगर कोई व्‍यक्ति छींकता है तो उसकी छींक से निकलीं बूंदों से कोविड-19 दूसरे व्‍यक्ति को संक्रमित कर सकता है. ये कण हवा के जरिए संक्रमण फैलाते हैं.

जब कोई भी छींकता है, खांसता है, बात करता है, चिल्‍लाता है तो संक्रमण के चांस ज्‍यादा होते हैं. इनके जरिए निकले ड्रॉपलेट्स आसपास रहने वाले लोगों के मुंह या फिर सांस लेने पर शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं और ऐसे में वायरस आपके शरीर को संक्रमित कर सकता है.

डॉक्‍टर पॉल के मुताबिक आबादी में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनमें वायरस के लक्षण जरा भी नहीं नजर आते हैं. ये बिना लक्षण वाले लोग ही सबसे ज्‍यादा खतरनाक है.

डॉक्‍टर पॉल ने इस बात पर जोर दिया है कि अगर लक्षणहीन लोग बात करते हैं तो वो इंफेक्‍शन फैलाते हैं. ऐसे में पूरा परिवार इस लहर में पॉजिटिव हो जाता है. यहां तक कि अगर वो घर के अंदर रहता है तो भी संक्रमित हो सकता है.

दूसरी लहर में क्‍यों पड़ी जरूरत
दूसरी लहर में भारत की बड़ी आबादी खतरे में है और गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं. इनमें सांस लेने में कमी और कई और गंभीर लक्षणों के बाद अस्‍पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है. ऑक्‍सीजन की बढ़ती मांग की वजह से पूरा हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर चरमरा गया है. स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की मानें तो मास्‍क न सिर्फ इसे पहनने वाले को बल्कि दूसरे व्‍यक्तियों को भी कोविड-19 से बचाता है. ऐसे में सिर्फ संक्रमण की चेन को ही तोड़ना जरूरी नहीं है बल्कि उन लोगों को भी बचाना है जिन पर खतरा सबसे ज्‍यादा होता है.

जो वृद्ध हैं और जो बीमार लोगों के साथ रह रहे हैं, खासतौर पर उनकी सुरक्षा की जा सकती है. अगर परिवार के किसी एक भी सदस्‍य में लक्षण नहीं हैं तो मास्‍क पहनने से बाकी लोग सुरक्षित रह सकेंगे. साथ ही घर के अंदर मास्‍क पहनने से घरों के अंदर से होने वाले संक्रमण को रोका जा सकेगा. विशेषज्ञों की मानें तो दूसरी लहर की सबसे बड़ी वजह घर के अंदर होने वाला संक्रमण है.

अमेरिका में भी दी गई थी सलाह
नॉर्थ कैरोलिना के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की तरफ से आए आंकड़ों पर अगर यकीन करतें तो दो लोगों के बीच अगर 6 फीट की दूरी है और उन्‍होंने मास्‍क पहना है तो ट्रांसमिशन का खतरा न के बराबर होता है. आंकड़ों के मुता‍बिक जब दो लोग मास्‍क पहने होते हैं तो खतरा 1.5 फीसदी कम होता है. जब सिर्फ किसी संक्रमित व्‍यक्ति ने ही मास्‍क पहना है और असंक्रमित व्‍यक्ति ने मास्‍क नहीं पहना है तो खतरा 5 फीसदी तक ज्‍यादा होता है.

अगर संक्रमित व्‍यक्ति ने मास्‍क नहीं पहना है लेकिन असंक्रमित व्‍यक्ति ने एक मास्‍क पहना है तो खतरा 30 फीसदी तक और जब कोई मास्‍क नहीं पहनता है तो कोरोना से संक्रमित होने का खतरा 90 फीसदी तक बढ़ जाता है.

CDC ने भी माना जरूरी
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रोटेक्‍शन (CDC) की तरफ से भी घर के अंदर मास्‍क पहनने की सलाह दी गई थी. सीडीसी का कहना था कि 6 फीट दूर रहने के अलावा मास्‍क घर के अंदर भी बहुत जरूरी. सीडीसी ने कहा था कि वृद्ध लोगों को खासतौर पर घर के अंदर मास्‍क पहनकर रहना चाहिए. ऐसे उन पर संक्रमित होने का खतरा बहुत कम रहता है.
Next Story