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- अस्थमा से जूझ रहे...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अस्थमा सांस से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी आती है। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल मई के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है। इस बार विश्व अस्थमा दिवस 2 मई यानीक की कल मनाया जाएगा। फेफड़ों में जहरीली हवा जाने के कारण वायु मार्ग में सूजन आ जाती है जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में भी बहुत ही परेशानी आती है। खान-पान की आदतों के अलावा कुछ आसनों को अपनी डाइट में शामिल करके भी अस्थमा के मरीज स्वस्थ रह सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
सूर्यभेदी प्राणायाम
अस्थमा के मरीजों के लिए सूर्यभेदी प्राणायाम बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इस प्राणायाम में व्यक्ति दाईं नासिक से सांस लेकर बाई से छोड़ते हैं। शरीर को गर्म रखने के लिए यह आसन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इस प्राणयाम से शरीर का तापमान भी संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। भस्त्रिका प्राणायाम
फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए यह भस्त्रिका प्राणयाम बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इसे करने से नाड़ी के संचार में सुधार होता है और सासं से संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। अस्थमा के प्रभाव से खुद को बचाने के लिए आपको रोज कम से कम 15-20 मिनट यह प्राणायाम जरुर करना चाहिए।
भ्रामरी प्राणायाम
अस्थमा से बचने के लिए भ्रामरी प्राणायाम बहुत ही लाभकारी माना जाता है। एक्सपर्ट्स भी अस्थमा से मरीजों को बचाने के लिए रोजाना कम से कम 10-15 मिनट भ्रामरी प्राणायाम करने की सलाह देते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस प्राणायाम को करते समय उंगलियों को ट्रैगस पर न रखें और न ही कान के अंदर इससे समस्या बढ़ सकती है। कपालभाती प्राणायम
अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं से बचने के लिए कपालभाती प्राणायाम बहुत ही लाभकारी माना जाता है। यह फेफड़ों में ऑक्सीजन का संचार सुधारने में मदद करता है। रोजाना 15 मिनट इस योग को करके आप कई तरह की बीमारियों से खुद को दूर रख सकते हैं।