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सेहतमंद बने रहने के लिए लोग अपनी दिनचर्या में कई ऐसी चीजों को शामिल करते हैं जो सेहत को बेहतर का कम करें। इन्हीं में से एक हैं इसबगोल की भूसी जिसे घर के बड़े-बूढ़े हमेशा पेट से जुड़ी परेशानियों से निजात पाने के लिए इसका सेवन करते दिखाई पड़ते हैं। सदियों से आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में भी इसबगोल का इस्तेमाल हो रहा है। इसे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत पाने और बचने के लिए उपयोग में लाया जाता रहा है। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह इसबगोल की भूसी का सेवन किया जाना चाहिए और कैसे यह शरीर के लिए वरदान साबित होता हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में
इसबगोल के सेवन का तरीका
कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि ईसबगोल कैसे लें या उम्र के हिसाब से इसबगोल भूसी की कितनी मात्रा का सेवन करना चाहिए। आमतौर पर इसबगोल भूसी को पानी में मिलाकर खाना सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इसबगोल की भूसी को पानी में मिलाने से यह चिपचिपा जेल जैसा मिश्रण बन जाता है, इस मिश्रण में ना कोई गंध होती है ना ही कोई स्वाद होता है। एक गिलास गर्म पानी में एक से दो चम्मच ईसबगोल की भूसी मिलाएं और रात में खाना खाने के बाद इसका सेवन करें। एक कटोरी दही में एक से दो चम्मच इसबगोल की भूसी मिलाएं। मिठास के लिए आप इसमें चीनी भी स्वादानुसार मिला सकते हैं। इसबगोल और दही का मिश्रण दस्त से आराम दिलाने में बहुत कारगर होता है। इसबगोल और दही को खाने के कुछ देर बाद एक गिलास पानी पिएं। पेट साफ़ करने के लिए रात में एक चम्मच त्रिफला पाउडर और दो चम्मच ईसबगोल भूसी मिलाकर गर्म पानी के साथ इसका सेवन करें।
कब्ज़ दूर करने में सहायक
पेट से जुड़ी तमाम दिक्कतें सिर्फ कब्ज़ की समस्या के कारण ही होती हैं। इसलिए ज़रुरी है कि सबसे पहले कब्ज़ का इलाज किया जाए जिससे बाकी समस्याएं अपने आप ठीक हो जाती हैं। ईसबगोल में मौजूद फाइबर की अधिक मात्रा लैक्सेटिव की तरह काम करती है। यह आंतों की मांसपेशियों की गतिशीलता बढ़ाती है और मल को मुलायम बनाती है जिससे मलत्याग करना काफी आसान हो जाता है।
ब्लड शुगर के लेवल को करता है बैलेंस
इसबगोल की भूसी के रोजाना सेवन से डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगल लेवल को बैलेंस रखने में काफी मदद मिल सकती है। ये शुगर स्पाइक्स को भी कंट्रोल करने में कारगर है। दिन में दो बार 5 ग्राम इसबगोल के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ब्लड शुगर लेवल को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
पाचन के लिए जरूरी
एक स्वस्थ शरीर के लिए पाचन का ठीक रहना जरूरी है और इसबगोल इसमें मदद कर सकता है। एक रिसर्च से पता चलता है कि इसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है। यह प्रभाव पाचन क्रिया को अच्छी तरह से कार्य करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसबगोल का उपयोग चिकित्सीय एजेंट के
बवासीर की समस्या होगी दूर
बवासीर की स्थिति में पीड़ित को मल त्याग के वक़्त खून आने की परेशानी के साथ दर्द भी होता है। इस समस्या के लक्षण को कम करने में इसबगोल भूसी लाभदायक हो सकती है। एनसीबीआई की रिसर्च के मुताबिक, इसबगोल भूसी का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर बवासीर के दौरान होने वाले रक्तस्राव को कम कर सकता है।
सांस की दुर्गन्ध करें दूर
ईसबगोल का प्रयोग सांस की दुर्गन्ध से बचाता है, इसके अलावा खाने में गलती से कांच या कोई और चीज पेट में चली जाए, तो ईसबगोल की मदद से वह बाहर निकलने में आसानी होती है।
दस्त रोकने में मददगार
इसबगोल, आंतों को साफ करता है जो संक्रमण के कारण सूक्ष्म जीवों को हटाने में मदद करता है। दस्त के दौरान आप इसबगोल को दही में मिलाकर खा सकते हैं। दही और इसबगोल दोनों ही दस्त को रोकने में प्रभावी हैं।
दिल को रखे स्वस्थ
इसबगोल पित्त ऐसिड को बांधता है और एलडीएल यानी बैड कलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह एचडीएल यानी गुड कलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाने में भी मददगार है। यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करता है। यह दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, लिपिड के स्तर को बढ़ाता है।
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Kajal Dubey
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