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इन 2 मसालों से राहत पाएं
क्या आपको मतली और ब्लोटिंग का अनुभव होता है?
क्या आपको कब्ज ने भी परेशान कर रखा है?
ये नाभि में दर्द के सामान्य लक्षण हैं। हालांकि, इस दर्द के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ऐसा शरीर में मौजूद किसी बीमारी या तनाव जैसे मनोवैज्ञानिक लक्षण से भी सकता है।
जब पुराने समय में हमारी दादी-मां किसी डॉक्टर या एक्सपर्ट के पास नहीं पहुंच पाती थीं, तब दर्द को कम करने के लिए किचन में मौजूद घरेलू नुस्खों का सहारा लेती थीं।
अगर आपको या आपके बच्चे को नाभि के आस-पास दर्द ऐसे समय में होता है, जब आप किसी भी एक्सपर्ट से परामर्श नहीं ले पाते हैं। ऐसे में आप दर्द से राहत पाने के लिए इन घरेलू नुस्खों को आजमा सकते हैं। इन नुस्खों के बारे में हमें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और एस्पवेद की फाउंडर पायल ग्रोवर बता रही हैं। लेकिन, सबसे पहले हम नाभि में होने वाले दर्द के कारणों के बारे में जान लेते हैं-
नाभि दर्द के लक्षण
नाभि दर्द के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
कब्ज
दस्त
बुखार
पेट में सूजन या पेट का फूलना
पेट के निचले हिस्से में दर्द
गैस पास करने में कठिनाई
जी मिचलाना
उल्टी होना
भूख कम लगना
इस तरह के दर्द के कारणों में एपेंडिसाइटिस, हर्निया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग, नाभि का खिसकना और नाभि संबंधी हर्निया जैसी समस्याएं भी शामिल हैं।
नाभि में दर्द से छुटकारा पाने वाले मसाले
हींग और पानी
जब भी मेरी नाभि या पेट में दर्द होता है, तब मैं अपनी दादी मां का बताया नुस्खा आजमाती हूं। यह पेट दर्द से राहत दिलाने में जादू की तरह काम करता है।
हींग एक ऐसा मसाला है, जो खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा, हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीजडेंट गुणों के कारण यह पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे गैस और बदहजमी से छुटकारा दिलाता है। पित्त दोष को बैलेंस करना पेट के लिए जरूरी है और हींग, पित्त दोष को बैलेंस करता है और डाइजेशन को मजबूत करता है।
विधि
इसे बनाने के लिए 1 चम्मच गर्म पानी में 1 चुटकी हींग मिलाएं।
हींग को पानी में घुलने तक मिक्स करें।
5 सेकेंड बाद इसे आंच से उतार लें और थोड़ा ठंडा होने दें।
फिर इसे नाभि के आस-पास लगाएं।
जीरा
एक्सपर्ट का कहना है, "आयुर्वेद में पेट की कई समस्याओं जैसे अपच, दस्त, गैस और एसिड रिफ्लक्स से राहत पाने के लिए किचन में मौजूद जीरे को बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा, जीरे खाकर आप इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, पेट दर्द और नाभि में दर्द से जुड़े कई लक्षणों को कम कर सकते हैं।''
हालांकि, मसाला समस्या के मूल कारण को ठीक नहीं कर सकता है, लेकिन यह लक्षणों, जलन और परेशानी को कम करता है। जीरा एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट है। इसमें फाइबर भी पाया जाता है और इसमें आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज, जिंक व मैगनीशियम जैसे न्यूट्रिएंट्स भी होते है। इसके अलावा, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो सूजन कम करते हैं।
विधि
आप 1 कप पानी में 1 बड़ा चम्मच जीरा डालें।
फिर इसे अच्छी तरह से उबालें।
इसे 5 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
फिर छानकर पिएं।
अजवाइन के साथ जीरा
जीरे और अजवाइन का कॉम्बिनेशन भी डाइजेस्टिव सिस्टम के फायदेमंद होता है। इससे पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। साथ ही, ये दोनों चीजों एक साथ लेने से सीने में जलन के कारण होने वाले दर्द और मतली से जुड़ी लगातार बेचैनी दूरी होती है। अजवाइन में थाइमोल होता है जो अपच, पेट में दर्द, कब्ज और डायरिया जैसी समस्याओं को ठीक करता है। थाइमोल पेट से गैस को आसानी से रिलीज करता है, जिससे पाचन तंत्र में मजबूत होता है।
विधि
एक पैन में 1 बड़ा चम्मच जीरा और 1 बड़ा चम्मच अजवाइन को भूनें।
जब यह ठंडा हो जाए, तब इसमें 1 चम्मच काला नमक मिलाएं और मिश्रण को ब्लेंड कर लें।
आप इसे ऐसे ही या किसी ड्रिंक या फूड में मिलाकर ले सकते हैं।
आप जीरा और अजवायन को एक कप पानी में उबालकर और छानकर भी ले सकते हैं।
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