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- चीनी और शक्कर में अंतर...
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घर में गुड़, चीनी और शक्कर का उपयोग किसी भी डिश और ड्रिंक को मीठा करने के लिए होता है। देखा जाए तो बिना मिठास के हमारा जीवन अधूरा है। सुबह की चाय हो या प्रसाद का हलवा इन सभी चीजों में चीनी या शक्कर का उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि चीनी और शक्कर दोनों ही अलग चीज हैं? आज भी किराना स्टोर से लेकर आम जनता तक, हर कोई चीनी और शक्कर को एक ही समझते हैं। बहुत से लोगों को इन दोनों चीजों के बीच का फर्क नहीं पता, इसलिए आज हम आपको इसके बीच क्या अंतर है यह बताएंगे।
चीनी और शक्कर के बीच क्या है अंतर? बता दें कि चीनी को मिल में तैयार किया जाता है, वहीं शक्कर को गुड़ से बनाया जाता है। तमाम तरह के स्वास्थ्य सलाहकार अक्सर चीनी के बजाए शक्कर खाने की हिदायत देते हैं, क्योंकि शक्कर चीनी की तुलना में कम नुकसानदायक होती है।
चीनी कैसे होती है? चीनी बनाने के लिए मिल में क्रिस्टलीकरण किया जाता है। चीनी के क्रिस्टलीकरण के लिए चूना, कार्बन डाइऑक्साइड, कैल्शियम, फॉस्फेट, फॉस्फोरिक एसिड और अल्ट्रा मरीन ब्लू का उपयोग किया जाता है। इन रसायनों का उपयोग आमतौर पर चीनी के रंग को सफेद, उजला और चमकदार बनाने के लिए किया जाता है। चीनी के क्रिस्टलीकरण प्रक्रिया में चीनी में मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, इसलिए इसे सेहत के लिए नुकसानदायक माना गया है। चीनी बनाने के लिए गन्ने के रस का उपयोग किया जाता है, लेकिन उस रस का मात्र 10 प्रतिशत ही चीनी बनाने के लिए उपयोग में लिया जाता है। बाकी बचे हुए 90 प्रतिशत को शीरा कहा जाता है, जो कि शराब बनाने वाली फैक्ट्री में बेचा जाता है।
कैसे बनाया जाता है शक्कर? चीनी के मुकाबले शक्कर को 100 फीसदी तक ऑर्गेनिक माना गया है। शक्कर बनाने के लिए गन्ने के रस को निकाला जाता है फिर उसे बड़े-बड़े कड़ाही में गाढ़ा किया जाता है। जब रस गाढ़ा हो जाता है, तब गुड़ बनकर तैयार होता है। गुड़ तैयार होने के बाद बड़े बर्तन में निकालकर ठंडा किया जाता है। ठंडा होने के बाद गुड़ को कूट-कूटकर चूरा बना लिया जाता है। इस चूरा को ही शक्कर कहा जाता है और इस पारंपरिक तरीके से बनाए हुए शक्कर में किसी प्रकार के पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं, इसलिए इसे चीनी से ज्यादा फायदेमंद और ऑर्गेनिक कहा गया है।
कैसे मिला चीनी को यह नाम गन्ने के रस को मिल में तैयार कर सफेद दानेदार चीनी बनाने की प्रक्रिया चीनी लोगों की देन है। शुरुआत में उन्होंने भारत में आकर गन्ने के रस से मीठा उत्पाद बनाने की विधि सीखी और उस तरीके को अपने हिसाब से अपग्रेड कर क्रिस्टलीकरण की मदद से शक्कर को चीनी बना दिया। शक्कर के इस अपग्रेडेड वर्जन को ही भारतीय लोग हिंदी में चीनी कहने लगे
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Sanjna Verma
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