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लाइफ स्टाइल
Intimate Hygiene Tips: मानसून में महिलाओं को होती है प्राइवेट पार्ट से जुड़ी ऐसे खतरनाक बीमारी, जानिए बचने के उपाय
Deepa Sahu
26 July 2021 9:25 AM GMT
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बरसात के मौसम में कई तरह के संक्रमण से लोग परेशान रहते हैं।
बरसात के मौसम में कई तरह के संक्रमण से लोग परेशान रहते हैं। योनि का संक्रमण भी इन्हीं में से एक है। पर्यावरण में ज्यादा नमी और तंग अंडरवियर के साथ ज्यादा पसीना आने के कारण बैक्टीरिया बहुत जल्दी पनपते हैं। ऐसे में इस मौसम में योनि में संक्रमण का खतरा बना रहा है।
अगर आप भी बारिश के दिनों में योनि संक्रमण से गुजरते हैं, तो जरा सी लापरवाही आपको दर्द और परेशानी दे सकती है। इसलिए आपकी मदद के लिए हम यहां कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप योनि संक्रमण से अपना बचाव कर सकते हैं।
ज्यादा देर तक गीले कपड़े न पहनें
इस मौसम में गीले कपड़े संक्रमण का कारण बनते हैं। दरअसल, पानी स तर कपड़े नमी के स्तर को बढ़ाते हैं, जांघ में फ्रिक्शन यानी घर्षण बढ़ाते हैं , जिससे त्वचा में संक्रमण, रैशेज की संभावना बढ़ जाती है। बता दें कि यहां बहुत सारे बैक्टीरिया जन्म लेते हैं, जो संक्रमण का कारण हैं। पीरियड में क्या होनी चाहिए महिलाओं की डाइट और किन चीजों के सेवन से बढ़ती हैं परेशानियां, जानें
टाइट कपड़े पहनने से बचें
बरसात के मौसम में जितना हो सके स्किन टाइट जींस और टाइट लोअर, शॉटर्स पहनने से बचना चाहिए। बता दें कि बहुत ज्यादा टाइट कपड़े नमी बढ़ाते हैं, वायु प्रवाह को कम करते हैं और पसीना बढ़ाते हैं। जिससे चकत्ते, योनि संक्रमण और यूटीआई की समस्या महिलाओं को झेलनी पड़ती है। जबकि सूखे कॉटन के कपड़े न केवल एयर सकुर्लेशन में सुधार लाते हैं बल्कि त्वचा की जलन को भी कम करने में मदद करते हैं।
सेनेटरी पैड के बजाय मैन्स्ट्रूयल कप का इस्तेमाल करें
बारिश के मौसम में सेनेटरी पैड का इस्तेमाल वैजाइनल इंफेक् शन बढ़ा सकता है। इसलिए हर महिला को सैनेट्री पैड या टैम्पॉन के बजाय मैन्स्ट्रूयल कप को प्रायोरिटी देनी चाहिए। दरअसल, सेनेटरी पैड से बढ़ी हुई नमी के कारण रैशेज हो सकते हैं। यहां तक की टैम्पोन भी महिलाओं के लिए बहुत अच्छा नहीं है। यह योनि के सभी तरल पदार्थों को अवशोषित कर इसे शुष्क बना देता है, जिससे संक्रमण बढ़ जाता है।
हाइड्रेट रहें-
मानसून में नमी बहुत ज्यादा होने से शरीर से बहुत सारे तरल पदार्थ कम हो जाते हैं। इसलिए हर दिन 4-5 लीटर पानी पीएं। यह आदत न केवल आपको हाइड्रेट रखेगी बल्कि शरीर में मौजूद सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करेगी। अच्छा हाइड्रेशन योनि के पीच लेवल को बनाए रखता है और योनि संक्रमण को रोकता है। हाइड्रेट रहना यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का अच्छा उपाय है।
वजाइना की हाइजीन बनाए रखें
मानसून के दौरान नमी बढ़ने से योनि या वजाइना का पीएच लेवल बहुत कम हो जाता है, जिससे कोई भी महिला खासकर फंगल संक्रमण की शिकार हो जाती है। इसलिए योनि की स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है। हर महिला को योनि को रोजाना सिर्फ साबुन और साफ पानी से साफ करना है। किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए दिन में कम से कम दो बार योनि को पानी से धोएं और सूखा रखें।
मैन्स्ट्रूयल हाइजीन बनाए रखें
पीरियड्स के दौरान इस मौसम में योनि के संक्रमण को रोकने के लिए सलाह दी जाती है कि हर 4 घंटे में अपने सेनेटरी पैड को बदलें। चाहे वह कितना भी गीला हुआ है या न हुआ हो। टैम्पोन का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को हर 2 घंटे में और मैन्स्ट्रूअल कप यूज करने वाली महिलाओं को हर 8 घंटे में इसे बदला चाहिए।
प्राइवेट पार्ट को सूखा रखने की कोशिश करें और केमकिल वाले वेट वाइप्स का यूज करने से बचें। आप केवल सादे टॉयलेट पेपर से उस क्षेत्र को टैप करके सुखा सकते हैं। येानि संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर फेमिनि हाइजीन वॉश के इस्तेमाल से बचने की सलाह देते हैं।
प्राइवेट पार्ट को साफ और सूखा रखें
मानसून के दौरान आद्रता का स्तर बहुत ज्यादा रहता है। चूंकि पहले से ही हमारे प्राइवेट पार्ट में बहुत ज्यादा नमी होती है, इसलिए यह जरूरी है कि योनि और इसके आसपास के क्षेत्र को केवल पेशाब करने के बाद या शौच के बाद धोकर सुखा लिया जाए। अगर यह जगह सूखी रहेगी तो नमी में कमी आएगी और बैक्टीरिया बहुत जल्द पनप नहीं पाएंगे।
मसालेदार भोजन से परहेज करें
बारिश के मौसम में कुछ चटपटा और तीखा खाने की इच्छा बहुत ज्यादा होती है। लेकिन मसालेदाल भोजन आपकी तकलीफ बढ़ा सकता है। इसके ज्यादा सेवन से योनि के पीएच लेवल में कमी आती है और फंगल इंफेक्शन बढऩे लगता है। जिससे कई बार लोग खुजली का भी अनुभव करते हैं।
संभोग के बाद योनि को साफ करें
संभोग के बाद पेशाब करने और योनि को साफ करने की आदत डालें। यह अच्छी आदत आपको बैक्टीरिया को विकसित होने के साथ संक्रमण से दूर रखने में मदद करेगी।
मानसून में यदि आप भी योनि संक्रमण से पीडि़त हैं, तो यहां बताई गई टिप्स का पालन जरूर करें। लेकिन अगर आपको हर बार इस समस्या का सामना करना पड़ता है, तो डॉक्टर से मिलें, ताकि वह ठीक से जांच कर आपका इलाज कर सकें।
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