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स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी जीने का मूल मंत्र है खुद से प्यार करना। जिसने इस बात को पकड़ लिया, समझ लीजिए उसने अपनी जिंदगी को आसान बना लिया। खुद से प्यार करने का मतलब है अपने आप को हेल्दी रखना, अन्य दूसरे तरीकों से अपनी देखभाल करना और खुश रहने के तरीके ढूंढ़ना, लेकिन भागदौड़ भरी लाइफ में हमारा ध्यान इन चीज़ों पर जाता ही नहीं। जिस वजह से आजकल लोग गुस्सा, तनाव और एंग्जाइटी का शिकार हो रहे हैं। हर साल जुलाई की 24 तारीख का दिन इंटरनेशनल सेल्फ केयर डे के तौर पर मनाया जाता है। जानें कब और कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत और क्या है इसका महत्व।
सेल्फ केयर डे का इतिहास
इंटरनेशनल सेल्फ- केयर फाउंडेशन ने साल 2011 में सेल्फ केयर के पॉजिटिव प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से इस दिन को मनाने पर विचार किया गया था। जिसके जरिए लोगों को यह बताना था कि हेल्दी व हैप्पी लाइफ जीना क्यों जरूरी है। इसी के चलते इंटरनेशनल सेल्फ-केयर फाउंडेशन ने 2011 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। ये यूके में स्थित एक चैरिटी है।
सेल्फ केयर डे का महत्व
सेल्फ केयर को हमेशा से ही क्वॉलिटी लाइफ जीने के लिए जरूरी बताया गया है, लेकिन लोगों को इसकी अहमियत कोरोना महामारी के बाद समझ आई। उस दौरान लोगों ने खुद को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज और डाइट के अलावा और भी कई तरीके आजमाएं जिससे वो बीमारी के चपेट में ना आएं। कुछ लोगों को लगता है सेल्फ केयर एक तरह से खुद को बहुत ज्यादा महत्व देना है। जरा सोचकर देखिए अगर आप खुद पर ध्यान नहीं देंगे, तो अपने आसपास के माहौल को कैसे हेल्दी एंड हैप्पी रखेंगे। तो दिन का ज्यादा से ज्यादा समय सेल्फ केयर में ही न निकालें, लेकिन इसकी जरूरत को समझें।
सेल्फ केयर डे कैसे मनाएं
सेल्फ केयर डे मनाने की शुरुआत खुद को हेल्दी बनाने से करें। अपने डेली रूटीन में योग व एक्सरसाइज को शामिल करें। हेल्दी फूड्स को डाइट में शामिल करें। नेगेटिविटी से दूर रहें और खुश रहने के बहाने ढूंढ़ें। जिन चीज़ों को करने से आपको खुशी मिलती है, उन्हें करने के लिए वक्त निकालें। भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद के लिए थोड़ा वक्त निकालकर आप सुधार सकते हैं अपनी लाइफ।