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भारत की पहली महिला डॉक्टर कादम्बिनी गांगुली, जिनके लिए गूगल ने बनाया है डूडल

Rounak Dey
18 July 2021 2:34 AM GMT
भारत की पहली महिला डॉक्टर कादम्बिनी गांगुली, जिनके लिए गूगल ने बनाया है डूडल
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1906 में कोलकाता कांग्रेस के अवसर पर आयोजित महिला सम्मेलन की अध्यक्षता भी कादम्बिनी जी ने ही की थी.

आज भारत की पहली स्नातक और फिजीशियन महिला कादम्बिनी गांगुली का 160वां जन्म दिवस है. इस अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है और सम्मान जताया है. आपको बता दें कि कादम्बिनी गांगुली भारत की पहली स्नातक और फिजीशियन महिला थीं. वह देश की पहली महिला डॉक्टर भी थीं. यही नहीं उनको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी प्राप्त है. कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था. उन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की खराब स्थिति पर भी काफ़ी कार्य किया था. बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं. उनमें देशभक्ति की भावना बंकिमचन्द्र की रचनाओं से ही जाग्रत हुई थी.

कादम्बिनी गांगुली का जन्म 18 जुलाई 1861 में भागलपुर, बिहार में हुआ था. वह भारत की पहली स्नातक और फिजीशियन महिला थीं. यही नहीं उनको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी प्राप्त है. कादम्बिनी के पिता बृजकिशोर बसु ब्रह्मो सुधारक थे. ये समाज राजा राममोहन राय ने स्थापित किया था. भागलपुर में हेडमास्टर की नौकरी करने वाले बृजकिशोर ने 1863 में भागलपुर महिला समिति बनाई थी, जो भारत का पहला महिला संगठन था. 1878 में कादम्बिनी कलकत्ता यूनिवर्सिटी का एंट्रेस एग्जाम पास करने वाली पहली लड़की बन गई थीं. उनके इस सफर में देश की पहली महिला ग्रेजुएट होने का माइलस्टोन भी शामिल है. मां, डॉक्टर और सोशल एक्टिविस्ट का रोल एक साथ निभाना उनके लिए भी आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
कादम्बिनी का विवाह ब्रह्म समाज के नेता द्वारकानाथ गंगोपाध्याय से हुआ था. द्वारकानाथ महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए पहले से ही प्रयत्नशील थे. कादम्बिनी इस क्षेत्र में भी उनकी सहायक सिद्ध हुईं. उन्होंने बालिकाओं के विद्यालय में गृह उद्योग स्थापित किया था. कांग्रेस के 1889 के मद्रास अधिवेशन में उन्होंने भाग लिया और भाषण दिया. संस्था के उस समय तक के इतिहास में भाषण देने वाली कादम्बिनी पहली महिला थीं. 1906 में कोलकाता कांग्रेस के अवसर पर आयोजित महिला सम्मेलन की अध्यक्षता भी कादम्बिनी जी ने ही की थी.

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