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माता-पिता छोटे बच्चों की डाइट को लेकर परेशान रहते हैं। बच्चे को ठोस आहार देने की शुरुआत से लेकर जबतक वह तीन साल का नहीं हो जाता यह चिंता माता-पिता को सताती ही रहती है।
माता-पिता छोटे बच्चों की डाइट को लेकर परेशान रहते हैं। बच्चे को ठोस आहार देने की शुरुआत से लेकर जबतक वह तीन साल का नहीं हो जाता यह चिंता माता-पिता को सताती ही रहती है। बच्चे को कौन सा आहार देना चाहिए, कौन सा आहार उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक रहेगा, कौन सा उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसा ही सवाल नॉनवेज को लेकर भी रहता है कि बच्चे को कैसे और किस उम्र में नॉन वेज खिलाना चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप कैसे और कब बच्चे को नॉनवेज खिला सकते हैं...
क्यों जरुरी है बच्चे के लिए नॉनवेज?
नॉनवेज खाने में अंडा, मुर्गा, मछली और मीट जैसी चीजें शामिल हैं। इसमें जिंक, आयरन और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही आवश्यक है। आपका बच्चा जब 9 महीने या फिर 1 साल का हो जाए तो आप उसे नॉनवेज खिला सकते हैं। इससे कम उम्र में यदि आप बच्चे को नॉनवेज देते हैं तो वह पचा नहीं पाएगा क्योंकि बच्चों को पाचन तंत्र कमजोर होता है, जिसके कारण इससे उम्र के बच्चों के लिए नॉनवेज हानिकारक हो सकता है।
नॉनवेज में इन चीजों के करें शुरुआत
आप बच्चे को जब भी मांसाहारी भोजन खिलाने की शुरुआत करें तो पहले मछली, अंडे और मुर्गी से ही करें। इन चीजों का स्वाद बहुत नर्म होता है। आप इस बात का ध्यान रखें कि बच्चो को आप शैलफिश मछली का सेवन बिल्कुल भी न करवाएं। इन चीजों के बाद आप उन्हें लाल मांस देना शुरु कर सकते हैं।
बच्चों को ऐसे डालें मांसाहारी खाने की आदत
बच्चे शुरुआत में नॉनवेज खाने में आनाकानी कर सकते हैं, इसलिए आप बिल्कुल भी न घबराएं अगर आप धीरे-धीरे कोशिश करेंगे तो वह नॉनवेज खाना शुरु कर देंगे। आपको बताते हैं कि कैसे आप बच्चे को नॉनवेज खाने की आदत डाल सकते हैं
सूप या फिर शोरबे के रुप में खिलाएं नॉनवेज
अगर आपका बच्चा 9 महीने का हो गया है तो आप उसे नॉनवेज खाने के लिए अंडा देना शुरु कर सकते हैं। इसके बाद जब बच्चा 1 साल का हो जाए तो उसे चिकन और मछली दे सकते हैं। आप बच्चे को चिकन व मछली सूप या फिर शोरबा के रुप में दे सकते हैं। सीधा टुकड़ा बच्चों को बिल्कुल भी न दें। चिकन देने से पहले बच्चे को मछली जरुर दें।
शुरुआत में स्वाद से डालें आदत
आप बच्चे को नॉनवेज देने की शुरुआत सूप से कर सकते हैं। आप बच्चे को पतला सूप बनाकर दे सकते हैं। इसके अलावा आप सूप में गाजर और आलू भी मिला सकते हैं। धीरे-धीरे बच्चे को स्वाद के साथ नॉनवेज की आदत लग जाएगी।
स्वाद आने के बाद प्यूरी देना करे शुरु
जब बच्चा एकबार नॉनवेज खाना शुरु कर दे तो आप उसे नॉनवज की प्यूरी बनाकर भी दे सकते हैं। प्यूरी के जरिए वह मांसाहारी भोजन बहुत ही स्वाद से खा लेगा। आप सब्जियों और मांस को अलग-अलग पकाने के बाद एक साथ इनकी प्यूरी बनाकर बच्चों को खिला सकती हैं।
प्यूरी के बाद दें कलेजी
जैसी ही आपका बच्चा प्यूरी खाना शुरु कर दे और अगर आपका बच्चा एक साल के ऊपर हो जाए तो आप उसे कलेजी भी दे सकते हैं। कलेजी में पाया जाने वाला विटामिन-ए आंखों की रोशनी तेज करने में और उसका इम्यून सिस्टम मजबूत करने में सहायता करेगा। आप हफ्ते में एक बार उसे चिकन लिवर भी दे सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि इसकी मात्रा ज्यादा न हो।
हफ्ते में दो बार दें नॉनवेज
बच्चे जैसी ही नॉनवेज खाना शुरु कर दें और अगर वह सिर्फ डेढ़ दो साल से भी छोटा है तो शुरुआत में हफ्ते में सिर्फ दो बार ही नॉनवेज दें। फिर कुछ दिनों के बाद आप दिन में 1 बार भी उसे मांसाहारी भोजन दे सकते हैं। जैसे ही बच्चा इसे अच्छे से पसंद करने लग जाए तो आप उसे दिन में 2 बार नॉनवेज दे सकते हैं।
गाढ़ी और चबाने वाली दें प्यूरी
अगर बच्चे के दांत आ गए हैं तो वह प्यूरी के जरिए बाहर आ सकते हैं। आप प्यूरी को गाढ़ा बनाएं ताकि बच्चा अच्छे से इसे चबा सके।
ढाई-तीन साल के बच्चे को ऐसे दें नॉनेवेज
अगर आपका बच्चा ढाई तीन साल का हो गया है और खाना अपने हाथ से उठाकर खाना भी सीख गया है तो आप उसे चिकन या फिर मीट के छोटे-छोटे टुकड़े पकाकर भी दे सकते हैं।
इन बातों का भी रखें खास ख्याल
आप बच्चों को नॉनवेज देने से पहले कुछ बातों का भी खास ध्यान रखें यदि आप इन चीजों में सावधानियां बरतते हैं तो बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान भी हो सकता है।
उम्र का ध्यान रखकर दें नॉनवेज
आप बच्चा को कम से कम 9 महीने तक नॉनवेज न दें। बच्चे 6 महीने के बाद मां के दूध के अलावा भी ठोस आहार लेना शुरु कर देते हैं। आप प्रयास करें कि 1 साल से पहले भी बच्चे को नॉनवेज न दें। छोटे बच्चों की किडनी अच्छे से विकसित नहीं हो पाती है जिसके कारण वह अधिक प्रोटीन की मात्रा को भी पचा नहीं पाता और उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
मात्रा पर भी दें विशेष ध्यान
बच्चे को अगर आपने नॉनवेज देने की शुरुआत की है तो मात्रा पर भी खास ध्यान दें। यदि आपका बच्चा तीन साल से भी छोटा है तो उसे रोजाना नॉनवेज न दें। ज्यादा नॉनवेज देने से बच्चे के शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बच्चों को सिर्फ सप्ताह में सिर्फ दो बार ही नॉनवेज देना चाहिए। इससे ज्यादा मात्रा में बच्चे नॉनवेज पचा नहीं पाते और उनका पाचन तंत्र खराब होने लगता हैं।
डिनर में भी बिल्कुल न दें नॉनवेज
बच्चे को कभी भी नॉनवेड डिनर में भी नहीं देना चाहिए। आप इसे लंच में बच्चे को खिला सकते हैं। डिनर में बच्चे को इसे पचाने का समय नहीं मिल पाता, उनके स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ सकता है। तीन साल तक आप बच्चे को सटीम्ड, बॉयल्ड और ग्रिल्ड मांस ही दें।
रसायनयुक्त मीट भी न दें
आप बच्चे को रसायनयुक्त मीट भी न दें। इसमें सोडियम और नाइट्रेट बहुत ही अधिक मात्रा में पाया जाता है जो आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।
लिवर और मीट भी कम ही दें
लिवर और मीट भले ही बच्चे के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। मात्रा से ज्यादा अधिक होने पर दोनों चीजें ही नुकसानदायक हो सकती हैं। लिवर में विटामिन-ए टोक्सीकेशन होने के कारण यह विटामिन-डी को प्रभावित करता है, जिससे की बच्चों की हड्डियों पर असर पड़ सकता है।
पांच साल तक बिल्कुल न दें लाल मांस
बच्चा जब तक पांच साल का नहीं हो जाता उसे लाल मांस बिल्कुल भी न दें। इसमें नाइट्रेट बहुत ही ज्यादा मात्रा में पाया जाता है और यह बच्चे के दिमाग के विकास में समस्याएं खड़ी कर सकता है। आप लाल मांस की जगह लैंब बच्चे को खिला सकते हैं।
ज्यादा पक्का और कच्चा मीट भी बच्चे को न दें
बच्चे को ज्यादा पक्का हुआ और कच्चा मीट भी न दें। मीट को अच्छे से पकाकर ही बच्चो को दें। जरुरत से ज्यादा मीट पका हुआ मीट सख्त हो जाता है और बच्चे उसे अच्छे से खा नहीं पाएंगे। आप अच्छे से पकाकर ही मीट बच्चों को खिलाएं।
Ritisha Jaiswal
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