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लोगों का बढ़ा वजन वर्क फ्रॉम होम करना बेहद मुश्किल, जानिए इससे कितना हुआ नुकसान

Tara Tandi
24 Dec 2020 6:41 AM GMT
लोगों का बढ़ा वजन वर्क फ्रॉम होम करना बेहद मुश्किल, जानिए इससे कितना हुआ नुकसान
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कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन ने लोगों को घर से काम (Work from Home) करने का मौका दिया.

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन ने लोगों को घर से काम (Work from Home) करने का मौका दिया. इस नए कल्चर को शुरुआत में स्वीकार कर पाना सभी के लिए मुश्किल था. कंपनी और कर्मचारी दोनों को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ा. लेकिन लॉकडाउन की लंबी अवधि ने धीरे धीरे उनको इसकी आदत डाल दी. दिलचस्प बात ये है कि अब लोग Work from Home के कल्चर को इतना पसंद करने लगे हैं कि वापस ऑफिस जाकर काम नहीं करना चाहते. इसके लिए वे अपनी सैलरी से भी समझौता करने को तैयार हैं. आइए जानते है कि वर्क फ्रॉम होम के इस कल्चर से कितना फायदा और कितना नुकसान हुआ…

पैसों की बचत

साल 2020 के जून और जुलाई के महीने में करीब 1000 लोगों पर किए गए सर्वे के मुताबिक भारत में वर्क फ्रॉम होम के कल्चर से हर तीन में से एक कर्मचारी ने हर महीने कम से कम तीन हजार से पांच हजार तक की बचत की है. साथ ही इससे ऑफिस आने जाने, बाहर खाने पीने और कपड़ों वगैरह का खर्चा बचा है. यही कारण है कि करीब 74 फीसदी लोग अब घर से ही काम करना पसंद कर रहे हैं.

कंपनी की कार्यक्षमता को बढ़ाए जाने की संभावनाएं

घर से काम करने से सिर्फ कर्मचारियों को ही फायदा नहीं हुआ, बल्कि इससे कंपनी की कार्यक्षमता को बढ़ाने की संभावनाएं भी नजर आयी हैं. दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में घर से काम करने से कर्मचारियों का ट्रैवलिंग और मीटिंग के दौरान फिजूल में खर्च होने वाले समय की बचत हुई है. अब इस समय का उपयोग वे कंपनी की किसी अन्य योजना को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं. इससे कंपनी की कार्यक्षमता बढ़ेगी,साथ ही कर्मचारियों की ग्रोथ भी होगी.

ट्रैफिक में कमी

वर्क फ्रॉम होम की वजह से सुबह से सड़कों पर लगने वाले जाम में भी कमी आयी है. अगर इसे आगे जारी रखा जाता है तो सड़कों पर ट्रैफिक कम होने से प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट संभव हो सकती है.

ये हैं नुकसान

वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोग इतने कंफर्ट हो गए हैं कि उनकी कुर्सी की जगह अब काउच और बिस्तर ने ले ली है. गलत पोजीशन में घंटों लैपटॉप पर काम करने की वजह से स्वास्थ्य संबन्धी समस्याएं बढ़ी हैं. इस दौरान लोगों में रीढ़ का दर्द, सर्वाइकल, पीठ दर्द, कंधे में दर्द जैसी परेशानियां सामने आयी हैं. लगातार कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन पर काम करने के कारण आंखों में जलन और पानी आने और नींद न आने जैसी समस्याएं बढ़ी हैं.

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