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नंदी जी की किस कान में बोलने से होती है मनोकामना पूरी ? जाने सही रहस्य
Shiddhant Shriwas
30 May 2024 10:31 AM GMT
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भगवान शिव, जिन्हें महादेव, शंकर, षडानन, त्रिनेत्र, रुद्र, आदि अनेक नामों से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। वे सृष्टि, विनाश और परिवर्तन के देवता हैं। शिव को अक्सर ध्यानस्थ मुद्रा में, बैल नंदी पर सवार, गंगा नदी को अपने जटाओं में धारण किए हुए, त्रिशूल हाथ में लिए हुए चित्रित किया जाता है। वे कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं और उन्हें पार्वती, गणेश और कार्तिकेय के पति और पिता के रूप में जाना जाता है।आपने अक्सर शिव मंदिर में भगवान शिव के साथ नंदी को भी जरूर देखा होगा। शिव मंदिरों में नंदी जी भगवान शिव के वाहक और द्वारपाल के रूप में पूजे जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि आप अपनी मनोकामना नंदी जी के कान में बोलते हैं, तो वह भगवान शिव तक पहुंचाते हैं और वे आपकी मनोकामना पूर्ण करते हैं।शिव मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने के बाद नंदी जी की पूजा करना भी अत्यंत आवश्यक माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि बिना नंदी जी की पूजा किए केवल शिवलिंग की पूजा करने से पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता। नंदी जी भगवान शिव के द्वारपाल हैं, इसलिए उनकी पूजा करने से भगवान शिव तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। नंदी जी को कामना पूर्ति करने वाला देवता भी माना जाता है। उनकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नंदी जी शांति और सकारात्मकता के प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से मन में सकारात्मक विचारों का संचार होता है।शास्त्रों के अनुसार, नंदी जी के कान में मनोकामना बोलने से पहले कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। सबसे पहले, “ॐ” शब्द का उच्चारण करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना भगवान शिव तक पहुंचने के लिए तैयार हो जाती है। अपनी मनोकामना स्पष्ट और संक्षिप्त रखें। लालच या अवास्तविक इच्छाओं से बचें। मनोकामना करते समय नकारात्मक विचारों से दूर रहें। सकारात्मक सोच रखें और विश्वास रखें कि आपकी मनोकामना पूरी होगी। अपनी मनोकामना पूर्ण होने का धैर्य रखें। भगवान शिव आपकी परीक्षा लेंगे और उचित समय पर आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे। अपनी मनोकामना पूरी होने पर भगवान शिव और नंदी जी का आभार व्यक्त करना न भूलें।
अपनी मनोकामना हमेशा नंदी जी के बाएं कान में बोलें। बाएं कान का संबंध चंद्रमा से माना जाता है। चंद्रमा मन और भावनाओं का ग्रह है। इसलिए, बाएं कान में बोलने से मनोकामना सीधे भगवान शिव तक पहुंचती है। दाहिना कान सूर्य से संबंधित है। सूर्य कर्म और ऊर्जा का प्रतीक है। बाएं कान में बोलने से मनोकामना में भावनाओं की शक्ति जुड़ती है, जो मनोकामना को पूर्ण करने में सहायक होती है।
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Shiddhant Shriwas
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