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ऐसे करें बच्चों को गणेश चतुर्थी की तैयारियों में शामिल

Tara Tandi
28 Aug 2022 6:37 AM GMT
ऐसे करें बच्चों को गणेश चतुर्थी की तैयारियों में शामिल
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गणेश चतुर्थी का त्योहार उत्साह और उमंग की लहर लेकर आता है. गणेश जी के जन्म का ये त्योहार दस दिनों का लम्बा धूम-धड़ाका सजाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गणेश चतुर्थी का त्योहार उत्साह और उमंग की लहर लेकर आता है. गणेश जी के जन्म का ये त्योहार दस दिनों का लम्बा धूम-धड़ाका सजाता है. बच्चों के लिए ये त्योहार और ख़ास होता है. उन्हें 10 दिनों तक अच्छे पकवान, साज-सजावट और मस्ती का आनंद जो मिलता है. ये त्योहार बच्चों को अपने कल्चर और घर परिवार के साथ जोड़ने का अच्छा मौका भी बन सकता है. आजकल बच्चे कम उम्र में ही स्कूल और पढ़ाई में इतने व्यस्त हो जाते हैं की उन्हें घर परिवार के साथ रहने का भी समय नहीं मिलता. ना ही उन्हें त्योहारों के बारे में ज्यादा पता होता है. ऐसे में बच्चों को त्योहार की तैयारियों से जोड़कर हेल्पिंग, शेयरिंग, केयरिंग, टीम वर्क, क्रिएटिविटी, गुड कम्युनिकेशन जैसी कई अच्छी वैल्यू वाली बातें सिखाई जा सकती हैं. जानते हैं, इस गणेश चतुर्थी कैसे बच्चों को त्योहार की तैयारियों में शामिल कर सकते हैं.

ऐसे करें बच्चों को गणेश चतुर्थी की तैयारियों में शामिल
बच्चों से कराएं गणेश जी की स्थापना
बचपन में सजावट करना बड़ा अच्छा लगता है. बच्चों से गणेश जी की मिट्टी या पत्तों की मूर्तियां और फूल माला बनवाकर उन्हें मंदिर सजाने का काम दिया जा सकता है. उन्हें गणेश जी की स्थापना करके उनका ख्याल रखने की ज़िम्मेदारी दी जा सकती है. ये उनकी क्रिएटिविटी और ज़िम्मेदारी को बढ़ाएगा.
बच्चों को गणेश जी की कहानियां पढ़ाएं
बच्चों को गणेश जी की कहानियां पढ़ने को कहें और रोज़ आरती के बाद उनसे कहें की वो कहानी सुनाएं. इससे बच्चों की पढ़ने और बोलने की अच्छी आदत बनेगी और वो गणेश जी के बारे में भी जानेंगे जिससे उनकी पर्सनैलिटी का विकास होगा.
बच्चों को दें पूजा कराने का काम
गणेश चतुर्थी के दस दिनों में पूजा, प्रसाद का काम बच्चों को दे दें. उनसे कहें की वो नई नई आरतियां और भजन याद करें, नए नए प्रसाद सोचें और रोज़ घर के सब लोगों को इक्कट्ठा करके आरती करवाएं.
बच्चों से करवाएं दान
त्योहारों में बच्चों को शेयरिंग जैसे अच्छे गुण सिखाए जा सकते हैं. उनसे कहें की वे अपने पुराने कपड़े और खिलौने इक्कट्ठा करें, फिर उन्हें बाहर गरीबों या जरूरतमंदों को दें. इससे उन्हें दूसरों की मदद और दान देना सिखाएं.
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