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योगासनों के अभ्यास को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को बेहतर बनाए
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
योगासनों के अभ्यास को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को बेहतर बनाए रखने में फायदेमंद माना जाता है। योग विशेषज्ञ बताते हैं कि दिनचर्या में योगासनों को शामिल करके आप कई प्रकार के रोगों के जोखिम को भी कम कर सकते हैं। वजन को नियंत्रित रखने में भी योगासनों के नियमित अभ्यास को लाभकारी माना जाता रहा है। वजन बढ़ना और कम होना दोनों ही स्थितियां सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं। यही कारण है कि सभी लोगों को अपनी हाइट के आधार पर वजन को नियंत्रित बनाए रखने के प्रयास करने की सलाह दी जाती है। क्या योगासन वजन को बढ़ाने में भी सहायक हो सकते हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वजन कम होने की समस्या कई कारणों से हो सकती है। कुछ स्थितियों में सामान्य से बहुत अधिक वजन घट जाने के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम तक हो सकता है। इसके अलावा वजन कम होना कई रोगों का संकेत भी हो सकता है, यही कारण है कि सभी लोगों को शरीर का वजन नियंत्रित रखने की सलाह दी जाती है।
आइए जानते हैं कि वजन को बढ़ाने में किन योगासनों के अभ्यास की आदत आपके लिए सहायक हो सकती है?
जिन लोगों को वजन कम होने की समस्या होती है, उनके लिए चक्रासन योग के अभ्यास की आदत बनाना काफी लाभकारी हो सकता है। यह आसन शरीर के सभी हिस्सों में रक्त संचार को बेहतर करना सुनिश्चित करता है। रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाने में भी इस अभ्यास के लाभ पाए गए हैं। बाहों, कंधों, कूल्हों, जांघों और कलाई को मजबूत करने के साथ यह आसन शरीर की सभी प्रक्रियाओं को नियंत्रण में रखते हुए हार्मोन को संतुलित करता है। हार्मोन्स के संतुलन से वजन को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
धनुरासन योग से भी मिलता है लाभ
धनुरासन योग जिसे बो पोज के रूप में भी जाना जाता है, यह आसन भी आपके वजन को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है। धनुरासन पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करने वाला भी अभ्यास है जिससे अगर थायरॉयड के कारण आपको कम वजन होने की समस्या है तो उसे ठीक किया जा सकता है।
पाचन में सुधार करने के साथ प्रजनन अंगों को उत्तेजित करने में भी इस योग के लाभ देखे गए हैं। यह सभी मांसपेशियों से अतिरिक्त तनाव को कम करने में सहायता करने के साथ थकान की समस्या को भी कम करता है।
सर्वांगासन योग के लाभ
सर्वांगासन योग को सभी योगासनों में काफी लाभकारी माना जाता है, यह बेहतर रक्त संचार को सुनिश्चित करने के साथ वजन को बढ़ावा देने वाले हार्मोन्स के स्राव को भी तेज करता है। अपच और कब्ज से राहत दिलाने और रीढ़ के लचीलेपन में भी सुधार करने में भी इस योग के अभ्यास को विशेषज्ञ कारगर मानते है। यह थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता के लिए विशेष रूप से फायदेमंद अभ्यास है। ज्यादातर वजन की समस्या थायराइड विकारों के कारण ही होती है।
यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।