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आपके गले की खराश और खांसी ठीक नहीं हो रही है तो पीएं ये काढ़ा

Bharti Sahu 2
19 Oct 2024 4:12 AM GMT
आपके गले की खराश और खांसी ठीक नहीं हो रही है तो पीएं ये काढ़ा
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आपके गले की खराश और खांसी ठीक नहीं हो रही है तो पीएं ये काढ़ा
गले की खराश से राहत पाने के लिए अनेक घरेलू उपाय उपलब्ध हैं, और इनमें से काली मिर्च का काढ़ा एक प्रभावशाली विकल्प है। काली मिर्च, जो भारतीय रसोईघर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें पाए जाने वाले सक्रिय तत्व गले की सूजन और खराश को कम करने में मदद कर सकते हैं। हम जानेंगे कि काली मिर्च का काढ़ा कैसे आपके गले की खराश को ठीक कर सकता है और इसके प्रयोग से होने वाले लाभ क्या हैं।
सर्दी खांसी से राहत
काली मिर्च के काढ़े में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं, जो खांसी और सर्दी के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं।
गले की सूजन और खराश
काली मिर्च में पाइपरिन नामक यौगिक होता है, जो गले की सूजन और खराश को कम करने में मदद करता है। यह काढ़ा गले के संक्रमण से राहत दिला सकता है।
पाचन तंत्र को सुधारता है
काली मिर्च पाचन तंत्र को उत्तेजित करती है और भोजन के पाचन में मदद करती है। यह अपच और गैस की समस्याओं से भी राहत दिला सकती है।
काली मिर्च काढ़ा रेसिपी
सामग्री:
- 1 कप पानी
- 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच अदरक का पेस्ट
- 1 चम्मच शहद (स्वाद के अनुसार)
- 1 चुटकी हल्दी पाउडर (वैकल्पिक)
पानी उबालें:
एक छोटे पैन में 1 कप पानी डालें और उसे उबालने के लिए रखें।
अदरक और काली मिर्च डालें:
पानी में उबाल आने पर, इसमें अदरक का पेस्ट और काली मिर्च पाउडर डालें।
हल्दी मिलाएं (वैकल्पिक):
अगर आप चाहें तो इसमें हल्दी पाउडर भी डाल सकते हैं। हल्दी के एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण गले की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
पकाएं:
मिश्रण को 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें, ताकि सभी तत्व पानी में अच्छी तरह से मिल जाएं।
छान लें और शहद मिलाएं:
काढ़ा तैयार होने के बाद, इसे छान लें और स्वाद अनुसार शहद मिलाएं।
पीने का तरीका
इस काढ़े को गर्म-गर्म पिएं। इसे दिन में 2-3 बार पिया जा सकता है।
मानसून के दौरान गले की खराश से राहत पाने के लिए काली मिर्च का काढ़ा एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय है। इसके नियमित सेवन से गले की सूजन कम हो सकती है और प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत हो सकती है। हालांकि, यदि समस्या गंभीर हो या लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
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