लाइफ स्टाइल

दिल टूटने पर हो सकते हैं आप हार्ट डिजीज के शिकार , जानें क्या है Broken Heart Syndrome

Kajal Dubey
16 Feb 2024 9:05 AM GMT
दिल टूटने पर हो सकते हैं आप हार्ट डिजीज के शिकार , जानें क्या है  Broken Heart Syndrome
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लाइफ स्टाइल : ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम दिल की एक ऐसी कंडिशन है जो किसी स्ट्रेस की वजह से आपके दिल को प्रभावित करता है। इस कारण से दिल के फंक्शन में रुकावट हो सकती है। हालांकि यह जल्दी ही ठीक हो सकता है लेकिन इस कारण से परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। जानें क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम और क्या हैं इसके लक्षण।

Broken Heart Syndrome: किसी शारीरिक या मानसिक स्ट्रेस की वजह से दिल टूटने जैसा महसूस हो सकता है, जिसे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम कहा जाता है। इस सिंड्रोम में व्यक्ति के दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, जिस कारण से इस एक कंडिशन को यह नाम दिया गया है।

यह कंडिशन अचानक से किसी बड़े इमोश्नल या फिजिकल स्ट्रेस की वजह से होता है। दिल की मांसपेशियों के कमजोर हो जाती हैं, जिससे बल्ड पंप करने में तकलीफ होने लगती है। हालांकि, यह स्थायी समस्या नहीं है, लेकिन इसकी वजह से शरीर के लगभग हर अंग पर प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि दिल ठीक से ब्लड पंप नहीं कर पाता है, जिस कारण से शरीर के हर हिस्से तक ठीक से ब्लड सप्लाई नहीं हो पाता है।

क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम?
छाती में तेज दर्द होना
सांस लेने में तकलीफ होना
सीने में टाइटनेस महससू होना
ब्लड प्रेशर डाउन होना
बेहोश हो जाना
हार्ट पाल्पीटेशन
धड़कने तेज होना (एरिथमिया)

क्यों होता है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम?
मायो क्लीनिक के मुताबिक, ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम क्यों होता है, इसकी ठोस वजह पता नहीं चल पाई है, लेकिन इसका एक कारण यह माना जाता है कि स्ट्रेस की वजह से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं, जो दिल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, यह नुकसान लंबे समय के लिए नहीं होता है, लेकिन इसके कारण कुछ नुकसान तो सहने ही पड़ते हैं। ये स्ट्रेस हार्मोन किस तरह दिल को नुकसान पहुंचाते हैं, इसकी वजह ठीक तरीके से नहीं पता चल पाई है।

कैसेहै अलग यह हार्ट अटैक से?
इन दोनों ही कंडिशन के लक्षण लगभग एक जैसे होते है, जिस वजह से कई बार लोग इसे हार्ट अटैक से कंफ्यूज कर जाते हैं, लेकिन दोनों के कारण काफी अलग होते हैं। हार्ट अटैक ब्लॉक आर्टरीज की वजह से होता है, लेकिन ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में ऐसा नहीं होता है। इस कारण से दिल को कोई परमानेंट डैमेज नहीं होता है और जल्दी ठीक भी हो जाता है। स्ट्रेस हार्मोन्स दिल के फंक्शन्स को प्रभावित करते हैं, जिस कारण से दिल के फंक्शन्स में तकलीफ होती है।

कैसे कर सकते हैं आप इससे बचाव?
रिसर्च के अनुसार, ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे इस कंडिशन से बचाव करने में मदद मिल सके, लेकिन स्ट्रेस मैनेजमेंट इस कंडिशन में प्रभावी हो सकता है। इसके साथ ही, हेल्दी लाइफस्टाइल भी काफी हद तक मददगार साबित हो सकती है। इसलिए मेडिटेशन, वॉकिंग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज, बेहतर नींद और अपनी पसंद की एक्टिविटी में टाइम स्पेंड करना काफी फायदेमंद हो सकता है।


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