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लाइफ स्टाइल
बात-बात पर जिद करता है आपका बच्चा, तो अपनाए ये tips
Ritisha Jaiswal
16 Oct 2022 3:09 PM GMT
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जिद्दी बच्चों को संभालना कई पैरेंट्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। बच्चों को नहलाने से लेकर, खाना खिलाने, सोने तक हर बात पर बच्चों को समझाने से मुश्किल काम औऱ कोई नहीं रह जाता है।
जिद्दी बच्चों को संभालना कई पैरेंट्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। बच्चों को नहलाने से लेकर, खाना खिलाने, सोने तक हर बात पर बच्चों को समझाने से मुश्किल काम औऱ कोई नहीं रह जाता है। अपनी पसंद की चीज पाने के लिए बीच सड़क पर ही रोने, चिल्लाने और गुस्सा करने लगता है। ऐसे में सबकी निगाहें बच्चों के पैरेंट्स परवरिश के ऊपर उठने लगती हैं।
लेकिन शांति के साथ आप अपने बच्चों का जिद्दीपन कंट्रोल कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा अपनी बात और जिद को लेकर अटल रहता है तो आपको उसे समझाने और सही तरह से हैंडल करने के लिए निम्न तरीके अपनाने चाहिए।
बहस ना करें
जिद्दी बच्चे बहस करने के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं इसलिए आपको उन्हें ये मौका नहीं देना है। इसकी बजाय अपने बच्चे की बात सुनें। जब आप उसकी बात को सुनने लगेंगे तो वो भी आपकी बात पर ध्यान देने की कोशिश करने लगेगा।
बच्चों पर चिल्लाने से बचें
माता-पिता के लिए ये बात बहुत जरूरी है कि उन्हें अपने बच्चों पर चिल्लाना नहीं है और अगर बच्चे जिद्दी हों तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। आपके शांत रहने पर बच्चे भी ज्यादा शोर-शराबा नहीं करेंगे और आप उन्हें सही और गलत के बीच में फर्क बता पाएंगे।
बच्चों को सिखाएं अनुशासन
जिद्दी बच्चों के साथ डील करने के लिए आपको कुछ नियम बनाकर रखने चाहिए। उन्हें समझाएं कि नियम तोड़ने पर उन्हें क्या नुकसान होगा। अगर आप लगातार बच्चे को अनुशासन में रखते हैं तो इससे उसके बच्चे के जिद्दीपन को भी कम करने में मदद मिलेगी।
बच्चों को दें समय
बच्चों के साथ समय बिताएं और उनसे ढेर सारी बातें करें। आगे चल के आप के बच्चे अपनी बात खुल के आप से कर पाएंगे। बच्चों से बातें करने से उन्हें अकेला नहीं लगेगा, उन्हें ये भी नहीं लगेगा की आप उन्हें इगनोर कर रहे हैं। इस तरह से आप आप अपने बच्चों को जिद्दी बनने से भी बचा सकती हैं।
बच्चों को समझे
बच्चे को समझने की कोशिश करें जैसे कभी-कभी बच्चा स्कुल नहीं जाने की जिद करता है तो उसके कई कारण हो सकते है। जैसे उसका स्वस्थ ठीक ना हो या होम्वोर्क पूरा ना किया हो या स्कूल में किसी बच्चे या टीचर द्वारा अप्रिय व्यहार, कारण जो भी हो समझकर प्यार से उसका समाधान करें। जिससे आपपर बच्चे का विशवास बढेगा।
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