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लाइफ स्टाइल
स्वस्थ रहना चाहते हैं तो इन 8 आदतों से जोड़ लें नाता
Ritisha Jaiswal
7 July 2022 7:48 AM GMT
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उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कई तरह की बीमारियां से घिरने लग जाता है। जोड़ों में दर्द, पुरानी बीमारियां, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां शरीर को घेरने लगती हैं।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कई तरह की बीमारियां से घिरने लग जाता है। जोड़ों में दर्द, पुरानी बीमारियां, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां शरीर को घेरने लगती हैं। समय रहते ही स्वंय को स्वस्थ रखना बहुत जरुरी है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आप रुटीन में डाइट पर ध्यान देकर भविष्य में कई चीजों के साथ स्वस्थ रह सकते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये 8 आदतें अपनी रुटीन में शामिल करके स्वंय को स्वस्थ रख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
वसा की कमी के बारे में जानें
विटामिन-ए, डी, के और के पानी में जल्दी घुल जाते है, इसलिए इन्हें वसा घुलनशील(fat soluble) कहते हैं। यह आपके शरीर में से फैट एकत्रित करते हैं। यदि आपके शरीर में फैट की कमी है तो इन विटामिन्स की कमी हो सकती है। रात में दिखाई न देना, मसूड़ों में सूजन आना, तनाव, मांसपेशियों में दर्द, बालों का ड्राई होना, लगातार बीमार रहना इसी बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।
ज्यादा प्रोटीन न खाएं
प्रोटीन की ज्यादा मात्रा भी आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इससे आपको ऑस्टियोपोरोसिस(osteoporosis)नाम की समस्या हो सकती है। इसके अलावा किडनियों में भी समस्या हो सकती है। आपको इस बात पर भी विशेष ध्यान देने की जरुरत है कि आप जिस प्रोटीन का सेवन कर रहे हैं, वो कार्बोहाइड्रेट्स, नैचुरल शूगर और अच्छे फैट से भरपूर हो।
खाने पर भी दें ध्यान
शोध के अनुसार, यदि आपके ब्रेकफास्ट और डिनर के बीच अंतर बढ़ता है तो आपके डिनर और ब्रेकफास्ट में खुद ही अंतर आ जाता है। ब्रेकफास्ट और डिनर में ज्यादा अंतर आपके ब्लड शूगर, कोलेस्ट्रॉल और फैट कम कर सकता है। क्योंकि फास्टिंग पीरियड बढ़ने के कारण आपके शरीर में बहुत सारा फैट इक्ट्ठा होना शुरु हो जाता है। जिससे शरीर में फैट की कमी हो सकती है।
वर्कआउट पर दें ध्यान
ज्यादा भारी व्यायाम ने करें। आप हल्का सा वार्म-अप, कॉर्डियोवैस्कुलर व्यायाम, शरीर को लचीलापन देने के लिए स्ट्रेचिंग ही करें। यदि आप पहली बार वर्कआउट कर रहे हैं तो शुरुआती दौर में सिर्फ कॉर्डियो एक्सरसाइज 20-30 मिनट के लिए ही करें।
नींद करें पूरी
म्यूजिक सुनने का प्रयास करें। जब अलग-अलग ध्वनियों के साथ दो स्वर अलग-अलग बजते हैं तो आपके मस्तिष्क द्वारा निर्मित एक श्रवण भ्रम ताल को सुनने की कोशिश करें। दो ध्वनियों की अलग-अलग साउंड सुनने से आपके दिमाग में एक नई ताल उत्पन्न होगी। यह ताल आपके दिमाग की गतिविधियों को प्रभावित करती है, जिससे आपकी नींद ज्यादा आती है और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार आता है।
सिंहासन करें
आप सिंहासन भी अवश्य करें। इस आसन को करने से आपका तनाव कम होगा और आप रिलेक्स महसूस करेंगे। खुलकर सांस लेने का प्रयास करें। आप आराम से बैठकर पेट में ज्यादा से ज्यादा गहरी हवा भरकर नाक के द्वारा गहरी सांस लेने का प्रयास करें। यदि आप ज्यादा सांस नहीं ले सकते तो अपने मुंह को अच्छे से खोलकर और जीभ को बाहर निकालकर जोर से हंसे। इस व्यायाम को दोहराएं। इसे सिंहासन भी कहा जाता है।
अस्थमा के प्रति भी जागरुक रहें
प्रेग्नेंसी और मेनोपोज जैसी समस्याएं अस्थमा जैसी बीमारी की स्थिति को गंभीर कर सकती हैं, क्योंकि महिलाओं के फेफड़े पुरुषों से छोटे होते हैं, जिसके कारण अस्थमा उन्हें जल्द प्रभावित करता है। इसलिए अस्थमा के प्रति भी सतर्क रहें।
अच्छे से दिन की शुरुआत करें
इसके अलावा अपने हर किसी दिन की शुरुआत अच्छे से करें। उठने के बाद स्ट्रेचिंग भी जरुर करें। इससे आप किसी भी तरह की चोट से बचाव कर सकते हैं और मांसपेशियों की समस्याओं की रोकथाम भी कर सकते हैं।
Ritisha Jaiswal
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