लाइफ स्टाइल

हार्ट अटैक से करना हैं बचाव तो समय रहते कराएं ये 8 टेस्ट

Kajal Dubey
22 May 2023 1:25 PM GMT
हार्ट अटैक से करना हैं बचाव तो समय रहते कराएं ये 8 टेस्ट
x
शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है आपका दिल। दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौत हृदय रोग के कारण ही हो रही है। वर्तमान समय की तनावपूर्ण जिंदगी में गलत खान-पान और सुस्त जीवनशैली की वजह से दिल की सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता हैं। दिल की यह बढ़ती समस्या हार्ट अटैक का भी कारण बन सकती हैं। ऐसे में हार्ट अटैक से बचाव के लिए जरूरी हैं कि दिल की सेहत के बारे में जाना जाए। इसके लिए आपको समय-समय कुछ मेडिकल टेस्ट कराते रहना जरूरी है जिससे आपको पता चलता रहे कि दिल सही से काम कर रहा हैं या नहीं। तो आइये जानते हैं उन टेस्ट के बारे में जिनके जरिए आप दिल की सेहत का हाल जान सकते हैं।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
ये टेस्ट शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को मापते हैं। यह अधिक मात्रा में जमा होने पर हृदय को रक्त की आपूर्ति को अवरुद्ध कर सकते हैं। इससे उच्च रक्तचाप, हृदय विकार या यहां तक कि दिल का दौरा भी पड़ सकता है।
ब्लड शुगर
अचानक से हार्ट अटैक के पीछे डायबिटीज को भी मुख्य कारण माना जाता है। डायबिटीज के मरीजों में दिल की बीमारी से मरने का खतरा 2-4 गुना ज्यादा हो जाता है। कई लोग प्री डायबिटिक होते हैं और उन्हें इस बात का पता भी नहीं चलता। ब्लड शुगर जब अचानक बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो ये रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे धमनियों में फैट बनने लगता है जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। इससे ना सिर्फ हार्ट अटैक बल्कि किडनी डिसऑर्डर का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए एक उम्र के बाद ब्लड शुगर टेस्ट जरूर कराएं।
कार्डियक सीटी स्कैन
कार्डियक सीटी स्कैन हृदय और चेस्ट के चारों तरफ की तस्वीरों को लेता है। सीटी स्कैन से डॉक्टर व्यक्ति को हृदय से जुड़ी समस्या किस कारण से हो रही है, इस बारे में पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट के लिए व्यक्ति को मशीन के अंदर टेबल पर लिटा दिया जाता है। इसके बाद इस टेबल के अंदर लगी एक्स-रे ट्यूब हृदय के आसपास के तस्वीरों को लेता है और समस्या का सही कारण पता चलता है।
ट्रू हेल्थ हार्ट
इस टेस्ट के नाम से पता चलता है कि बुनियादी और साथ ही हृदय विशिष्ट मापदंडों को मापकर अपने हृदय स्वास्थ्य के बारे में एक तस्वीर देते हैं। परिणामों के आधार पर, आगे के परीक्षण या उपचार पर निर्णय लिया जा सकता है।
ब्लड टेस्ट
जब आपकी मांसपेशियों को नुकसान होता है, जैसे दिल का दौरा पड़ने पर आपका शरीर आपके रक्त में रसायन भेजता है। यौगिकों को रक्त परीक्षण के माध्यम से मापा जा सकता है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि आपके हृदय की मांसपेशियों को कितना नुकसान हुआ है या नहीं। आपके रक्त में अन्य रसायनों, जैसे रक्त वसा (कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स सहित), विटामिन और खनिजों को भी रक्त परीक्षण द्वारा मापा जाता है।
इको टेस्ट
हृदय के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए इको टेस्ट भी किया जा सकता है। इको टेस्ट को इकोकार्डियोग्राम भी कहा जाता है। इको एक तरह का अल्ट्रासाउंड होता है। इससे देखा जाता है कि हृदय की धड़कने और पंप कैसे काम कर रहा है। इको टेस्ट से ध्वनि तरंगों से हृदय के अंदर की तस्वीरों को देखा जा सकता है। हृदय मं चली रही गड़बड़ी का पता लगाया जा सकता है।
कार्डिएक स्ट्रेस टेस्ट
इसे एक्सरसाइज टॉलरेंस टेस्ट भी कहा जाता है। ये टेस्ट बताता है कि आपके दिल में ब्लड की सप्लाई पूरी तरह से पहुंच रही है या नहीं। कुछ लोगों को एक्सरसाइज करते समय दिल की धड़कन अनियमित हो जाने की समस्या रहती है। इस टेस्ट में दिल की धड़कन की जांच, थकान, हृदय गति, श्वास, ब्लड प्रेशर और एक्सरसाइज के समय हार्ट एक्टिविटी की जांच की जाती है। अगर आपको चेस्ट पेन, कमजोरी या अक्सर सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है तो ये टेस्ट जरूर कराएं।
हॉल्टर मॉनिटरिंग
हॉल्टर मॉनिटरिंग टेस्ट करने से हृदय के चलने की गति का पता लगाया जा सकता है। यह टेस्ट अकसर तब किया जाता है, जब ईसीजी के बाद कोई तकलीफ नजर नहीं आती है। इस टेस्ट को पोर्टेबल ईसीजी डिवाइस की मदद से किया जाता है। इस टेस्ट में व्यक्ति को 24 से 72 घंटे तक इस डिवाइस को पहनकर रखना होता है।
Next Story