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क्या आप खुद से बात करते है तो सुधारो अपना मानसिक स्वास्थ्य, जानिए कैसे
अक्सर हम जब सुबह उठते है , तो हमारे मन में कई सारी बातें चल रही होती है। कई बार तो सुबह- सुबह ही दिमाग में नकारात्मक ख्याल आने लगते है। जिसकी वजह से आपकी ओवर ऑल हेल्थ प्रभावित होती है। इससे किसी काम में मन नहीं लगता है। हर समय चिड़चिड़ापन बना रहता है। बिना वजह से हर समय आता रहता है। यह सभी लक्षण हेल्थ खराब होने लगते है। ऐसे में कई लोग डॉक्टर से भी सलाह लेते है। इसलिए आज हम आपको मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने के टिप्स बताने वाले है। तो चलिए जानते है।
बढ़ेगा आत्मविश्वास खुद से अच्छी और सकारात्मक चर्चा करना सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा देता है। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही किसी के सामने अपनी बात रखने का मनबोल बढ़ता है। जब भी किसी चुनौती या अवसर का सामना करना पड़ता है, तो एक आंतरिक संवाद अपना स्टैंड लेने में बहुत मदद करता है। इसलिए अपनी बात रखने में कही पर भी हिचकिचाएं नही। आराम से अपनी बात को रखना सीखें।
निर्णय लेने के कौशल में सुधा विशेषज्ञों के मुताबिक सेल्फ टॉक अच्छी सोच को बढ़ावा देता है। ये आपके काम में निर्णय लेने के कौशल को भी बढ़ाने में मदद करता है। जब कोई भी व्यक्ति किसी भी चर्चा में सकारात्मक रूप से शामिल होता है, तो वो व्यक्ति मौजूद परिस्थितियों में निष्पक्ष और सही फैसले लेने के लिए बेहतर ढंग से तैयार रहता है। जिससे व्यक्ति को व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास को सुधार करने में मदद मिलती है।
तनाव में कमी और इमोशनल हेल्थ बूस्टर सकारात्मक चर्चा तनाव करने का एक सबसे अच्छी उपकरण है। नाकारात्मक विचारों को अच्छे से परिभाषित करके और रचनात्मक समाधानों पर ध्यान केंद्रित करके आप आसानी से अपने तनाव को कम कर सकते है। ऐसा करने से इमोशनल बेनेफिट और लचीलेपन में सुधार होता है। इसलिए तनाव को कम करने के लिए हमेशा सकारात्मक बातों का ही सहारा लें। इससे हेल्थ पर भी कम प्रभाव पड़ता है।
लचीलाप काम और जीवन के प्रति लचीलापन होना जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहत जरूरी होता है। व्यक्ति का सकारात्मक व्यवहार और रचनात्मक रवैया से सेल्फ टॉक लचीलेपन के गुणों को विकसित करने में मदद करता है। ऐसा करने से व्यक्ति असफलताओं से उबरने, जीवन के अनुभवों से सीखने और सकारात्मक रवैये से हर परिस्थितियों से आसनी से निकलने में मदद करता है।