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उपचार होगा फ़ायदा
वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाईजेशन द्वारा किये गए रिसर्च से पता चला कि पूरे विश्व में एक लाख से ज़्यादा बच्चे जिनकी आयु 5 वर्ष से कम है, वह निमोनिया का शिकार बनते हैं। यह संख्या मलेरिया, एड्स आदि जैसी बीमारियों से बहुत ज़्यादा है। किसी एक बीमारी से हमारे देश में इतनी मौतें नहीं होतीं जितनी निमोनिया से होती हैं। निमोनिया से बचाव और इसका इलाज बेहद सुगम है लेकिन अक्सर लोगों के पास इसके जुड़ी जानकारी नहीं होती। घरेलू उपाय निमोनिया का इलाज नहीं कर सकते लेकिन उनका उपयोग इसके लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है। ये उपाय आपके डॉक्टर द्वारा किये जा रहे इलाज में दखल नहीं डालेंगे। हालांकि आप इन उपायों का प्रयोग अपने डॉक्टर द्वारा दी गयी सलाह के साथ साथ भी कर सकते हैं। आइये जानते हैं निमोनिया की रोकथाम के लिए किये गए कुछ घरेलु उपायों के बारे में।
कायेन पेप्पर या लाल मिर्च :
लाल मिर्च निमोनिया में हमारे शरीर की बहुत मदद करता है, यह मरीज़ की श्वास की नली में भरी हुई पस और बलगम को निकालता है। इससे मरीज़ को साँस लेने में आसानी होती है। एक जग में 250ml पानी ,एक चम्मच नीम्बू का रस और थोड़ी सी लाल मिर्च डालिये। इस पानी के घोलके हरदिन 4 से 5 बार पियें।
व्यायाम :
व्यायाम आपकी श्वसन क्षमता बढ़ाता है और फेफड़ों के ठीक होने तक व्यायाम करना कठिन है, इसलिए श्वास के व्यायाम निमोनिया के रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। जैसे पेट द्वारा श्वास लेना, पेट और छाती से साँस लेना, खाँसी का व्यायाम, बारी-बारी से दोनों नथुनों द्वारा श्वास लेना, पर्स्ड लिप ब्रीदिंग (बंद होंठों और बंद मुँह की सहायता से साँस लेना।
ह्यूमिडिफायर :
गर्म, नम हवा में श्वास लेना चिपचिपे बलगम को निकालने में उपयोगी होता है, इसके लिए ह्यूमिडिफायर में गर्म पानी भरें और इसके गर्म धुएं में साँस लें।
मेथी की चाय (फीनूग्रीक टी) :
मेथी हमारे शरीर से ज़हरीले पदार्थ निकालता है। यह पदार्थ हमारे शरीर से पसीने के साथ बहार निकलते हैं। यह बंद छाती को भी खोलती है। 500 एमएल पानी के साथ एक चम्मच मेथी के बीज डालिये और इसे उबाल कर रख लीजिये। इस उबाले हुए घोल में एक चम्मच नींबू का रस डालकर कम से कम दिन के चार गिलास पियें।
तिल के बीज (सीसेम सीड्स) :
यह हर रसोई में मिलने वाली चीज़ एक जादू की तरह काम करती है। उबलते हुए पानी में एक चम्मच तिल डालिये और इन्हें तबतक उबालिये जबतक यह नरम न हो जाएँ। जब तिल नरम हो जायें तो इसमें एक चम्मच अलसी के बीज डाल दें और इसे फिर 5 मिनट तक उबालें। बीजों को छान लें और थोड़े से नमक और शहद के साथ इस घोल का हर सुबह खाली पेट सेवन करें।
लहसुन :
गार्लिक शरीर के लिए बहुत गर्म होता है इसलिए यह हमारे शरीर का तापमान कम करने में मदद करता है। हम यह बात मानते हैं की लहसुन खाने से मुंह में बदबू आती है पर यह हमारी छाती और फेफड़ों को साफ़ करता है। लहसुन का पेस्ट बनाकर इसे बिस्तर पर जाने से पहले अपने पैरो के नीचे मलिये और फिर अपनी जुराबें पहनकर सो जाइये।
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