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सुबह कॉर्न फ्लेक्स खाने की आदत है तो एक बार ये बातें जान लें

Shiddhant Shriwas
23 Jun 2021 10:20 AM GMT
सुबह कॉर्न फ्लेक्स खाने की आदत है तो एक बार ये बातें जान लें
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कई लोग अपने दिन की शुरुआत कॉर्न फ्लेक्स खाकर करते हैं. क्योंकि ये खाने में स्वादिष्ट होने के साथ- साथ हल्का होता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हम में से ज्यादातर लोग सुबह का नाश्ता हेल्दी और हल्का खाना पसंद करते हैं. ऐसे में कई लोग सुबह के नाश्ते में कॉर्न फ्लेक्स का सेवन करते हैं. क्योंकि कई लोगों को लगता हैं कि कॉर्न फ्लेक्स (Corn flakes) एक हेल्दी नाश्ता है, लेकिन ऐसा नहीं है. शायद आप जानते नहीं है. इसे रोजाना खाना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है.

कॉर्न फ्लेक्स सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से सेक्स ड्राइव कमजोर होती है. इसके अलावा डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ावा देता है. आइए जानते हैं कॉन फ्लेक्स को सेवन करने से क्या नुकसान होता है.
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स
कॉर्न फ्लेक्स में ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है जिसकी वजह से खून में शुगर की मात्रा अधिक होती है. दरअसल ग्लाइसेमिक इंडेक्स किसी भी खाद्य सामग्री का आधिक होना सेहत के लिए हानिकारक है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स 100 में से कैल्क्युलेट किया जाता है, अगर ये 55 से कम है तो बेहतर होता है. अगर 56 से 69 होता है मीडियम कैटेगरी और 70 से अधिक हुआ तो हाई. जबकि कॉर्न फ्लेक्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 80 से अधिक है. रोजाना कॉर्न फ्लेक्स खाने से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
न्यूट्रिशनल वैल्यू जीरो
भले ही आप कॉर्न फ्लेक्स का सेवन वजन घटाने और हेल्दी रहने के लिए करते हों. लेकिन इसमें न्यूट्रिशनल वैल्यू जीरो होती है. इतना ही नहीं कॉर्न फ्लेक्स कॉर्न सिरप और वनस्पति तेल से मिलकर बना होता है जो सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. इसमें 101 कैलोरी, 24 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 266 मिलीग्राम सोडियम होता है. रोजाना कॉर्न फ्लेक्स खाने से वजन घटने की बजाय बढ़ने लगता है.
कॉर्न सिरप और स्वीटनर
दरअसल कॉर्न फ्लेक्स जितना टेस्टी लगता है उतना होती नहीं है. उसे बनाने के लिए प्रोसेस्ड शुगर और स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा उसमें कॉर्न सिरप भी मिलाया जाता है. इसकी असली स्वाद अच्छा नहीं होता है. इसे खाने से वजन और शुगर दोनों चीजें बढ़ती है.
हृदय के लिए भी नुकसानदायक
कॉर्न फ्लेक्स में शुगर की मात्रा अधिक होने से खून पर दबाव पड़ता है जिसकी वजह से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.


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