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लाइफ स्टाइल
गर्भावस्था के समय वैक्सिंग करवाने का सोच रहीं हैं तो ये बातें जरूर जान लें
Gulabi
12 Feb 2021 10:28 AM GMT
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प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के मन में कई बातों को लेकर उधेड़ बुन का सिलसिला चलता रहता है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के मन में कई बातों को लेकर उधेड़ बुन का सिलसिला चलता रहता है. इन्हीं में से एक है वैक्सिंग. कुछ महिलाओं को वैक्सिंग सुरक्षित लगती है, तो कुछ को असुरक्षित. लेकिन अगर विशेषज्ञों की मानें तो गर्भावस्था के सामान्य मामलों में वैक्सिंग को सुरक्षित माना जाता है. लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में इससे बचना चाहिए.
वैरिकोज वेंन्स : प्रेगनेंसी के समय वैरिकोज वेन्स की समस्या होने की वजह से नसें सूजी व मुड़ी हुई है तो वैक्सिंग नहीं करवानी चाहिए. वैरिकोज वेन्स की समस्या वैसे तो शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकती है. लेकिन ज्यादातर मामलों में पैरों में होती है.
घाव या कटा होने पर : अगर शरीर के किसी हिस्से पर घाव या त्वचा कटी या छिली है तो वैक्सिंग न कराएं. इससे दर्द तो होगा, साथ ही संक्रमण होने का खतरा हो सकता है.
भूरे धब्बे : प्रेगनेंसी के दौरान शरीर पर भूरे धब्बे यानी मेलास्मा होने पर वैक्सिंग नहीं करानी चाहिए. इससे सूजन आ सकती है, साथ ही मेलाज्मा की स्थिति खराब होने का जोखिम बढ़ सकता है.
रैशेज : हार्मोनल बदलावों की वजह से तमाम महिलाओं को बार बार स्किन रैशेज हो जाते हैं. अगर आपके साथ भी रैशेज की समस्या है तो वैक्सिंग को अवॉइड करना ही बेहतर है. वैक्सिंग कराने से इंफेक्शन का जोखिम बढ़ सकता है.
इंजेक्शन वाले हिस्से पर : जिन स्थानों पर इंजेक्शन लगा हो वहां वैक्सिंग नहीं कराएं. इसके अलावा सनबर्न वाले हिस्से पर भी वैक्सिंग से बचना चाहिए. इससे त्वचा में दर्द हो सकता है.
सामान्य दिनों की तुलना में होता है ज्यादा दर्द
आमतौर पर गर्भावस्था में कराई जाने वाली वैक्सिंग सामान्य दिनों में की जाने वाली वैक्सिंग के मुकाबले थोड़ी दर्दनाक होती है. दरअसल, गर्भावस्था के दौरान महिला को कई तरह के हार्मोनल बदलावों से होकर गुजरना पड़ता है. इससे त्वचा और बाल सामान्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा मोटे हो जाते हैं. जिससे कई तरह की समस्याएं होती हैं.
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