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Tuberculosis: अगर आप एचआईवी के मरीज हैं तो टीबी की बीमारी से भी बचना होगा. एचआईवी (HIV) मरीजों को टीबी के बैक्टीरिया (TB bacteria) आसानी से संक्रमित कर सकते हैं. इंटरनेशनल जनरल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी में इस बात की जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि एचआईवी वायरस की वजह से मरीज की इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है, जिससे वो टीबी की चपेट में आसानी से आ जाते हैं. कई मामलों में टीबी होने के बाद मौत तक हो जाती है.
डॉक्टरों के मुताबिक, जिन मरीजों को दोनों इंफेक्शन एक साथ होते हैं उनके शरीर में टी सेल भी कमजोर हो जाती है. इससे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (antibiotic resistance) हो जाता है,.यानी मरीज पर दवाओं का असर बंद हो जाता है, जिससे मौत होने की आशंका रहती है. एचआईवी से पीड़ित 100 में से करीब 15 से 20 लोगों को टीबी होने का खतरा रहता ही है. टीबी फेफड़ों के अलावा शरीर के किसी दूसरे हिस्से पर भी अपना प्रभाव दिखा सकती है.
दिमागी परेशानी का भी बन सकती है कारण
दिल्ली में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास जैन बताते हैं कि एचआईवी के मरीज के शरीर में सीडी काउंट कम होने लगता है. अगर इसके साथ टीबी भी हो जाती है तो इम्यूनिटी का लेवल गिरने लगता है. कई मामलों में ये बीमारी मरीज के ब्रेन तक पहुंच जाती है. इससे दिमाग संबंधी परेशानी हो सकती है. ऐसे केस भी सामने आते हैं जिनमें दिमाग तक टीबी का असर देखा जाता है. ऐसे मरीजों का इलाज पल्मनोलॉजी के साथ साथ न्यूरोलॉजी के डॉक्टर भी करते हैं.
डॉ जैन बताते हैं कि एचआईवी मरीजों को अपनी सेहत का ध्यान ज्यादा रखना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि एचआईवी के कारण शरीर पहले की कमजोर रहता है. ऐसे में किसी दूसरी बीमारी के होने से हालत बिगड़ सकती है. चूंकि इम्यूनिटी पहले ही कमजोर है और अगर कोई दूसरा इंफेक्शन भी हो गया तो मौत होने का रिस्क रहता है. ऐसे में एचआईवी मरीजों को टीबी के लक्षणों को ध्यान में रखना चाहिए.
ये हैं टीबी के लक्षण
तीन से चार सप्ताह तक लगातार खांसी बने रहना
खांसी के साथ छाती में तेज दर्द
रोजाना बुखार आना जो शाम को बढ़ जाता हो
तेजी से वजन घटना
सांस फूलना और सांस लेने में परेशानी
भूख लगना कम होना
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