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बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट को लेकर हैं तनावग्रस्त तो अपनाएं ये चार उपाय, दूर करेंगे चिंता

Tara Tandi
13 Jun 2022 6:35 AM GMT
बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट को लेकर हैं तनावग्रस्त तो अपनाएं ये चार उपाय, दूर करेंगे चिंता
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परीक्षा के परिणाम को लेकर उत्साह और चिंता की मिली जुली भावना को काफी सामान्य माना जाता है। हालांकि यह गंभीर तनाव का रूप न ले ले, छात्रों और माता-पिता दोनों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। परीक्षा के परिणाम को लेकर उत्साह और चिंता की मिली जुली भावना को काफी सामान्य माना जाता है। हालांकि यह गंभीर तनाव का रूप न ले ले, छात्रों और माता-पिता दोनों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सामाजिक दबाव और अधिक नंबर पाने का प्रेशर बच्चों को तनावग्रस्त कर सकता है, इस स्थिति पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण डिप्रेशन जैसी समस्या भी हो सकती है। यही कारण है कि मनोचिकित्सक कहते हैं, परीक्षा परिणाण को सिर्फ परिणाम की तरह ही देखें, इससे सीख लेते हुए आगे की तैयारी करें। अगर आपके परिणाम इच्छानुरूप नहीं आए हैं तो इसपर चिंता करने से बेहतर है कि आप आगे इससे सीख लेते हुए और मेहनत के साथ पढ़ाई शुरू कर दें।

इस समय यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम का इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में परीक्षा दे चुके छात्रों का चिंतत होना स्वाभाविक है। इस समय माता-पिता और परिजनों को बच्चों पर अतिरिक्त प्रेशर डालने से बचना चाहिए। यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए समस्याओं का कारक हो सकता है। इस दौरान कुछ साधारण सी बातों को ध्यान में रखकर चिंता-तनाव को कम किया जा सकता है। ध्यान रहे, चिंता करने से परिणाम बदलेंगे नहीं, बल्कि यह आपकी स्वास्थ्य के लिए ही नुकसानदयाक ही होगा। आइए ऐसे कुछ उपायों के बारे में जानते हैं जिनका सभी छात्रों को जरूर ध्यान रखना चाहिए।
क्या है विशेषज्ञों की सलाह?
मनोचिकित्सक बताते हैं, छात्रों के लिए परीक्षा के परिणाम का इंतजार चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बच्चों पर हमेशा अच्छे नंबर पाने और सपनों को पूरा करने का दबाव होता है। इस वजह से परिणाम को लेकर चिंतित, तनावग्रस्त और उदास होना स्वाभाविक है। हालांकि यह अनावश्यक है, ध्यान रहे तनाव लेने से आपके प्रदर्शन पर ही नकारात्मक असर होता है, यह आपके भावनात्मक, सामाजिक और व्यवहारिक विकास में भी बाधा डाल सकता है। इसलिए अतिरिक्त तनाव से बचें और बेहतर मेहनत के साथ आगे की तैयारी करें। तनाव कम करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है।
बातचीत करते रहें, लोगों से मिलें
माता-पिता को इस समय बच्चों से लगातार संवाद बनाए रखना चाहिए, उनमें सकारात्मकता का संचार करें। बच्चों पर अधिक नंबर लाने का अतिरिक्त दबाव डालने या फिर दूसरे साथी बच्चों के साथ उनकी तुलना करने से बचें। बच्चों की मनोदशा को समझने की कोशिश करें। संवाद बनाए रखकर बच्चों को चिंता और तनाव से मुक्त रखने में मदद मिल सकती है।
स्क्रीन टाइम कम करें और पर्याप्त नींद लें
परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे बच्चों को मोबाइल-कंप्यूटर पर अधिक समय बिताने से बचना चाहिए, इसके दुष्प्रभाव आपमें तनाव की स्थिति को बढ़ा सकते हैं। समाचार और सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें। इसके अलावा नींद लेना बहुत आवश्यक है। जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है, उनमें तनाव-चिंता बढ़ने का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।
तनाव के लक्षणों की पहचान करें
यदि आपको अनावश्यक रूप से अत्यधिक चिंता हो रही है, शारीरिक लक्षण (जैसे सिरदर्द और पेट में दर्द), अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और बात-बात पर गुस्सा आ रहा है तो ऐसे संकतों को अनदेखा न करें। ये बढ़ते तनाव का संकेतक हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तनाव प्रबंधन के उपाय जैसे व्यायाम, मेडिटेशन, स्वस्थ आहार और सकारात्मकता बढ़ाने वाले उपाय करना विशेष लाभप्रद हो सकता है।
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